(www.arya-tv.com)आज दिनांक 23.09.23 को लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के ए पी सेन सभागार में अपराह्न 1:00 बजे से हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय तथा शोध केंद्र श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोंडा के संयुक्त तत्वावधान में “साहित्य की लोकमंगल यात्रा शोध-परिकल्पना एवं क्रियान्वयन” विषयक परिसंवाद का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर शोध छात्रों को शोध की दशा और दिशा, संभावना और गुणवत्ता पर उद्बोधन दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर अरविंद अवस्थी ने शोध संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुए शोध के क्षेत्र में मौलिक कार्य करने पर जोर दिया। हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज एवं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सभापति प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित जी ने अपने वक्तव्य में जोर देकर कहा कि शोध सर्वेक्षणपरक होने चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पाण्डुलिपियों का अध्य्यन, पाठालोचन शोध के अनिवार्य पक्ष हैं जिन पर आज के शोधार्थियों को ध्यान देना चाहिये। इसके साथ ही प्राचीन साहित्य को अपने शोध का आधार भी बनाना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रोफेसर शैलेंद्र नाथ मिश्रा ने विषय पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए साहित्य की लोक मंगल यात्रा पर विस्तार से अपनी बात रखी। इस अवसर पर श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय, गोंडा की प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष सुश्री वर्षा सिंह भी उपस्थित रहीं। उन्होंने श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय, गोंडा में हो रहे ज़रूरी शोध कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रश्मि कुमार ने स्वागत भाषण एवं प्रोफेसर पवन अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में प्रोफेसर जितेंद्र सिंह, गणेश मिश्र,पुष्कर बाबू गोंडा से आकर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया । कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉक्टर ममता तिवारी ने किया। इस अवसर पर विभाग के तथा विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।