पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल कल्याण सिंह की जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

Lucknow
  • कल्याण सिंह जी की 91वीं जयंती पर कल्याण सिंह के नाम से 91 कल्याण वृक्ष वितरित किए गए, जो वृक्ष बन उनके संस्कारो को पुष्पित एवं पल्लवित करेंगे
  • यदि ’बाबू’ जी न होते तो राम मंदिर का सपना कभी साकार न होता: राम माधव

लखनऊ। पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह की 91वीं जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर “अयोध्या के वैभव का कल्याण मार्ग” विषय पर श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास एवं नगर निगम लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं भजन संध्या का आयोजन लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय के सामने प्रतिमा स्थल पर किया गया।

संगोष्ठी का प्रारम्भ नगर निगम मुख्यालय के सामने स्थित कल्याण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में अनेकों गणमान्य जनों ने अपने स्मरण एवं ’बाबू’ जी के प्रति अपने स्नेह को शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महापौर संयुक्ता भाटिया ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने स्वागत उद्बोधन में कहा की उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल श्रद्धेय कल्याण सिंह जी भारतीय राजनीति में वह पुरोधा थे जिन्हें इतिहास कभी भुला नहीं सकता। उन्होंने श्री राम मंदिर निर्माण हेतु जनजन की भावनाओं के लिए सत्ता का त्याग कर दिया था। आज अगर अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर बन रहा है तो उसमें नींव की ईट भगवान श्रीराम लला के परम् भक्त श्रद्धेय कल्याण सिंह की ही लगी है।

कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में पधारे राम माधव (सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबू कल्याण सिंह ना होते तो अयोध्या में श्री राम लला का मंदिर का सपना सिर्फ सपना रह जाता।

पांचजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुशासन की नीव कल्याण सिंह जी ने रखी। कल्याण सिंह जी ने राजनीति में समझौता नहीं किया।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब बाबूजी राजस्थान में राज्यपाल थे तो एक-एक कार्यकर्ता जो भी उनके पास गए अपने कक्ष में बुलाकर सबसे मिलते थे।उनके सहज भाव से आज भी हम सभी अभिभूत है। श्री राम लला के भव्य मंदिर के आधार तत्व श्रद्धेय कल्याण सिंह जी ही रहे।

श्रद्धेय कल्याण सिंह सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने बताया कि अयोध्या के वैभव के लिए श्रद्धेय कल्याण सिंह ने सत्ता का परित्याग कर दिया था। “जो त्यागे सो बड़ा, जो भोगे सो छोटा।।” यही भारत के परम वैभव का कल्याण मार्ग है। इस सूक्त को श्रद्धेय कल्याण सिंह  ने चरितार्थ किया है। प्रशान्त भाटिया ने कहा कि आज अयोध्या श्रीराम लला का भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है जिसके आधारभूत ढांचे का आधार श्रद्धेय कल्याण सिंह जी ने प्रदान किया था। वर्तमान में भाजपा के कार्यकर्ताओं सहित माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ उन्हीं मूल्यों को आकार प्रदान करके जन भावनाओं के सपनों को साकार कर रहे हैं। प्रशान्त भाटिया ने कहा कि न्यास सैदव श्रद्धेय कल्याण सिंह के विचारों को जन जन तक पहुँचाने का कार्य पूरी तन्मयता और प्रमाणिकता से करता रहेगा।

  • भजन सम्राट अनूप जलोटा के भजनों ने राममय कर दिया 

 इस कार्यक्रम में भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमे भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा द्वारा श्री राम पर सुंदर प्रस्तुति देकर समां बांधा गया। कार्यक्रम में महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ राम माधव , पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर , सांसद कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री राजवीर सिंह राजू भैया, संजीव बालियान, रामपुर के सांसद घनश्याम सिंह लोधी, मंत्री संदीप सिंह, विधायक राजेश्वर सिंह , आशुतोष टण्डन, नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह, रामचंद्र प्रधान, मुकेश शर्मा, श्रीकृष्ण लोधी सहित हजारों की संख्या में श्रद्धेय कल्याण सिंह को चाहने वाले मौजूद रहे।