लंदन के लॉर्ड्स में अपने बल्ले का कमाल दिखाने वाले भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर आज जंमदिन

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(www.arya-tv.com) दुनिया का सबसे ऐतिहासिक स्टेडियम अगर कोई है तो वो है लंदन का लॉर्ड्स मैदान है, जिससे हर एक बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर की कोई न कोई याद जुड़ी होगी। लॉर्ड्स में हर किसी का बल्ला नहीं चलता है और हर किसी की गेंद करतब नहीं दिखाती है, लेकिन कुछ ऐसे महारथी हुए हैं, जिनके बल्ले ने लॉर्ड्स में आग उगली है। ऐसे ही एक क्रिकेटर रहे हैं भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और चयनकर्ताओं की समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप वेंगसरकर आज अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं। शतकों के मामले अगर उनको लॉर्ड्स स्टेडियम का लॉर्ड कहा जाए तो ये गलत नहीं होगा, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में बतौर मेहमान क्रिकेटर उन्होंने बड़ा रिकॉर्ड लंदन के लॉर्ड्स स्टेडियम में कायम किया हुआ है। दिलीप वेंगसरकर ने लॉर्ड्स में तीन शतक जड़े हैं, जो लॉर्ड्स में किसी भी मेहमान क्रिकेटर द्वारा सबसे ज्यादा शतक हैं।

वेंगसरकर ने 116 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 17 शतक उन्होंने जड़े हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि 129 वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने के बावजूद वे सिर्फ एक बार तीन अंकों का जादुई आंकड़ा पार कर सके हैं। बतौर बल्लेबाज 100 या इससे ज्यादा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बावजूद सिर्फ एक शतक बनाना ये प्रतिभा के विरुद्ध लगता है। बहुत कम ऐसे क्रिकेटर होंगे, जो इतने मैच खेलने के बाद भी सिर्फ एक शतक जड़ सके हैं।

70 के दशक के आखिर में और 80 के दशक की शुरुआत में दिलीप वेंगसरकर दमदार बल्लेबाज थे। 1976 में दिलीप वेंगसरकर ने डेब्यू किया था और वे इसके बाद से 1992 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहे। 1983 का विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी वे हिस्सा रहे थे। उस टूर्नामेंट में भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी। 1975 में मुंबई के लिए इरानी ट्रॉफी में रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ उन्होंने दमदार शतक ठोका था।

दिलीप वेंगसरकर ने 116 टेस्ट मैचों की 185 पारियों में 19 बार नाबाद रहते हुए 6868 रन बनाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर टेस्ट क्रिकेट में 166 रन है। 17 शतक और 35 अर्धशतक उन्होंने जड़े हैं। 560 चौके और 17 छक्के उन्होंने जड़े हैं। वहीं, 129 वनडे इंटरनेशनल मैचों की 120 पारियों में उन्होंने 3508 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और 23 अर्धशतक उन्होंने जड़े हैं। इतने अर्धशतक जड़ने के बाद भी सिर्फ एक शतक ये उनकी प्रतिभा को शोभा नहीं देता है।