कोरोना के नए वेरिएंट से फैला खौफ, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कितना घातक है वायरस?

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(www.arya-tv.com) कोरोना की विश्वव्यापी दस्तक एक बार फिर देखने को मिली है। कुछ जगहों पर कोरोना के कहर से मरीजों को अस्पताल तक में दाखिल होना पड़ रहा है। इसमें यूरोप के कुछ देश शामिल हैं। कोरोना के एक नया वेरिएंट भारत में भी पाया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार कोरोना को लेकर सतर्क है। उन्होंने कहा कि नए वेरिएंट पर सरकार की पैनी नजर है। डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमने जीनोम सीक्वेंसिंग बंद नहीं की है। सीक्वेंसिंग के दौरान करीब 250 से कोविड के वेरिएंट और सब वेरिएंट्स मिले हैं।

डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने कहा कि ब्रिटेन में पाए गए नए कोरोना के वेरिएंट का पहला केस भारत मे भी मिला है। इसके बारे में हम अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा हालात को देखें तो भारत में कोरोना वायरस संक्रमण पूरी तरह से कंट्रोल में है।बावजूद इसके इस महामारी का खतरा टला नहीं है। उन्होंने इस पर कहा कि सरकार की कोशिशें बदस्तूर जारी है और नए वेरिएंट को लेकर फिलहाल बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कई वायरस समय समय पर अपना रूप बदलते रहते हें।

कहां मिला है नया वेरिएंट?

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट महाराष्ट्र में मिला है। महाराष्ट्र में कोरोना के नए Eris (एरिस) वेरिएंट का पहला मरीज मिलने से लोगों में इसे लेकर तरह-तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं कि यह कितना खतरनाक है या बिल्कुल भी खतरनाक तो नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर उनका व्यक्तिगत अनुभव भी काफी है।उन्होंने दावा किया कि फिलहाल अभी किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है।

सरकार की है पैनी नजर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि नए वेरियंट को लेकर चिंता की जरूरत नहीं है। सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। अभी जीनोम सीक्वेसिंग नहीं की गई है। जिस इलाके में यह पाया गया है वहां की स्थिति कंट्रोल में है। ब्रिटेन समेत कुछ देशों में हाल के दिनों में एरिस कोरोना वेरिएंट के मरीज बढ़ने की बात सामने आई है। कोरोना वायरस का नया एरिस वेरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था, जिसके बाद से ये तेजी से फैल रहा है।

ओमीक्रॉन से मिलता जुलता है यह वेरिएंट

सूत्रों की मानें तो बात यदि Eirs कोरोना के वेरिएंट की करें तो साधारण तौर पर इसके लक्ष्ण मुख्य तौर पर ओमीक्रॉन के समान ही हैं। इनमें गले में खराश, नाक बहना, बंद नाक, छींकें आना, सूखी खांसी, सिरदर्द, कफ, मांसपेशियों में दर्द और सूंघने की क्षमता प्रभावित होना शामिल है।