टेस्ला का पहला इलेक्ट्रिक ट्रक:डीजल ट्रक से 3 गुना ज्यादा शक्तिशाली, फुल चार्जिंग के बाद 805 KM चलेगा

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(www.arya-tv.com)  टेस्ला  ने अपने इलेक्ट्रिक सेमी ट्रक की डिलीवरी शुरू कर दी है। कंपनी का दावा है कि ये ट्रक सड़क पर मौजूद किसी भी डीजल ट्रक की तुलना में 3 गुना ज्यादा शक्तिशाली है। ट्रक 20 सेकेंड में 0-60mph (97 km/hr) की स्पीड तक पहुंच सकता है। इसकी बैटरी रेंज 500 मील (करीब 805 किलोमीटर) है। कीमत $150,000 (करीब 1.21 करोड़ रुपए) से शुरू हो सकती है।

पेप्सी को पहला ट्रक डिलीवर किया
कंपनी के CEO एलन मस्क ने नेवादा के स्पार्क्स में कंपनी की गीगाफैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम में सॉफ्ट-ड्रिंक कंपनी पेप्सी को पहला ट्रक डिलीवर किया। पेप्सी ने दिसंबर 2017 में 100 ट्रकों का ऑर्डर दिया था, जब पहली बार टेस्ला सेमी को एक इवेंट में रिवील किया गया था। अन्य हाई-प्रोफाइल ग्राहक-इन-वेटिंग में वॉलमार्ट और UPS शामिल हैं। 2019 में ट्रक की डिलीवरी होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई।

फ्यूचर ऑफ ट्रकिंग
टेस्ला ने सेमी को फ्यूचर ऑफ ट्रकिंग बताया है। मस्क ने इवेंट में कहा, ‘आप उसे चलाना चाहते हैं। मेरा मतलब है, ऐसा लगता है कि यह चीज भविष्य से आई है। ये एक बीस्ट की तरह है। यह वास्तव में एक सामान्य कार चलाने जैसा है, ट्रक चलाने जैसा नहीं।’

इस ट्रक में बेहतर विजिबिलिटी के लिए यूनीक सेंट्रल सिटिंग दी गई है। दोनों तरफ एक बड़ी स्क्रीन के साथ, कपहोल्डर्स और एक वायरलेस फोन चार्जर के साथ दाईं ओर एक कंसोल दिया गया है। इसके अलावा कंपनी का दावा है कि दुर्घटना के मामले में ऑल-इलेक्ट्रिक आर्किटेक्चर रोलओवर रिस्क और केबिन इंट्रूशन दोनों को कम करता है।

ब्रेकिंग से बैटरी चार्ज
सेमी ट्रक में जैकनाइफिंग (दो भागों में बंटे बड़े ट्रक का नियंत्रण से बाहर हो जाना और अचानक खतरनाक रूप से एक ओर झुक जाना) को रोकने के लिए ट्रैक्शन कंट्रोल, बैटरी एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए रिजनरेटिव ब्रेकिंग (ब्रेकिंग का एक मेथड जिसमें ब्रेक लगाने पर निकली एनर्जी को स्टोर किया जाता है। यानी इससे बैटरी चार्ज होती है) और सीमलेस हाईवे ड्राइविंग के लिए एक ऑटोमेटिक क्लच है।

इलेक्ट्रिक ट्रक के सामने कई चुनौतियां
डेमलर, वोल्वो, पीटरबिल्ट और BYD जैसे प्रमुख उपकरण निर्माता भी अपने इलेक्ट्रिक लॉन्ग-होलर्स पर काम कर रहे हैं। हालांकि अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को व्यापक रूप से अपनाए जाने से पहले भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसके सामने वेट रेस्ट्रिक्शन से लेकर सुविधाजनक चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता जैसी चुनौतियां हैं। ट्रक स्टॉप भी बड़ी बैटरी की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक तैयार नहीं हैं।