आलू की सब्‍जी खाना भी पड़ सकता है महंगा, सब्जियों के राजा पर पड़ी मौसम की मार

Agra Zone UP

(www.arya-tv.com) फसलों पर मौसम की मार का शिकार हर बार किसान होते हैं। ओलावृष्टि और तेज हवा ने बागवानी को नुकसान किया तो बेर, नींबू, किन्नू की फसल प्रभावित हुई थी। वहीं बोवाई के समय और फसल के बीच में दो बार हुई बारिश ने आलू (राजा) के लिए संकट पैदा किया। पहली बार की बारिश से तो बोवाई देरी से हुई, जबकि दूसरी बार की बारिश ने किसानों से फसल में पानी लगाने में लापरवाही करा दी। इस समय आलू कंद की ग्रोथ हो रही थी। हाईब्रिड वैरायटी को छोड़ दें तो आलू कंद का आकार छोटा रह गया। इससे 80 फीसद खेत में कम पैदावार हो रही है। किसान 20 से 30 फीसद का नुकसान बता रहे हैं, जबकि उद्यान विभाग भी 10 से 12 फीसद का उत्पादन घटना स्वीकार रहा है।

कौशल कुमार, उपनिदेशक उद्यान

65 से 70 फीसद खोदाई का अनुमान है और जिले की शीतगृह 50 फीसद भर चुके हैं। होल बाद भी खोदाई होगी, जिसके बाद सही आंकड़ा निकाला जा सकता है।

राजेश गोयल, महासचिव, कोल्ड स्टोरेज आनर्स एसोसिएशन

600 से 750 रुपये पैकेट है खेत पर दाम

आलू किसान विकास समिति के प्रदेश महासचिव पुष्पेंद्र जैन ने बताया कि गत वर्ष फसल पर आलू के दाम 400 से 500 रुपये प्रति पैकेट (प्रति 50 किलोग्राम) थे। इस बार ये दाम शुरुआत से ही 600 से 750 रुपये प्रति पैकेट पहुंच गए हैं। किसानों को उम्मीद है कि आलू के दाम में और उछाल आएगा। इसलिए अधिकतर किसान फसल को भंडारित कर रहा है। 3797 आलू की ग्रोथ कम हुई है, जबकि ख्याति, कुफरी मोहन और हाईब्रिड बैरायटी का उत्पादन ठीक हुआ है।