सभी थानों को मिलेंगे ड्रोन, ट्रायल के तौर पर गोरखपुर से होगी शुरूआत

# ## Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com)  यूपी में हाल के दिनों में हुए उपद्रव से निपटने के लिए थानों पर भी ड्रोन की व्यवस्था कराई जाएगी। थाने स्तर पर दंगाइयों की प्रॉपर निगरानी के लिए यह पहल की जा रही है। ट्रायल के तौर पर पहले गोरखपुर के थानों को ड्रोन की व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही इन्हें चलाने के लिए पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी।

व्यवस्था की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर सभी थानों पर ड्रोन की व्यवस्था दी जाएगी। एसपी सिटी कृष्ण कुमार ने ड्रोन की व्यवस्था कराने और पुलिसकर्मियों के ट्रेनिंग कराने का खाका तैयार कर लिया है।

दरअसल, हाल के दिनों में हुए उपद्रव को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार के निर्देश पर गोरखपुर जोन के हर जिले सहित प्रदेश के जिलों की पुलिस की एक विशेष टीम बनाई गई थी। इसमें 20 से 40 लोग शामिल हैं, जो पत्थरबाजों से निपटेंगे। उस टीम को फुल बॉडी प्रोटेक्टर वर्दी दी गई थी। गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस को 479 वर्दी मिली थीं। अब अगली कड़ी में सभी थानों पर ड्रोन की व्यवस्था कराई जाएगी।

अभी तक केवल पुलिस लाइन्स में ही है ड्रोन
अभी तक केवल जिलों के पुलिस लाइन्स में ही ड्रोन है। जहां से उपद्रव, जुलूसों आदि में निगरानी के लिए आसमान से निगरानी रखने के लिए उसका उपयोग किया जाता है। अधिकांश जिलों की पुलिस लाइन्स में एक से दो ड्रोन हैं, कुछ छोटे जिलों में एक भी ड्रोन नहीं है। ऐसे में दूसरे जिलों की पुलिस लाइन्स से ड्रोन मंगाए जाते हैं या किराए पर लिए जाते हैं।

दरअसल, पुलिस लाइन्स के ड्रोन से शहरी क्षेत्रों में आसानी से निगरानी होती है। देहात क्षेत्र में मुसीबत आती है। कई बार थाना क्षेत्रों में भी बवाल और उपद्रव होते हैं। 19 मार्च को चौरीचौरा में उपद्रव हो चुका है। वहीं झंगहा, खोराबार, गगहा इलाके में भी कई बार छोटी छोटी बातों पर उपद्रव होता है।

जुमे की नमाज को सकुशल संपन्न कराने को प्रयोग हुआ ड्रोन
अभी हाल ही में गोरखपुर में जुमे की नमाज को सकुशल संपन्न कराने के लिए एसपी सिटी के नेतृत्व में 56 संवेदनशील स्थानों की ड्रोन से निगरानी कराई थी। इसमें छतों पर पत्थर मिले थे, जिसके बाद उन घरों के मालिकों को नोटिस दिया गया था।

अखिलेश सरकार में आया सबसे महंगा ड्रोन नहीं चलता
गोरखपुर में सबसे पहले अखिलेश यादव की सरकार में सबसे बड़ा ड्रोन आया था। इसकी कीमत करीब 4 लाख रुपए थी। इसे ट्रैफिक पुलिस के लिए लाया गया था। आने के बाद से ही वह चला नहीं। बाद में पता चला कि उसमें बैट्री ही नहीं लगी है। इसके बाद कंपनी से संपर्क किया गया। अब पता चला कि उस माडल का ड्रोन ही नहीं आता। वर्तमान में गोरखपुर पुलिस लाइंस में करीब 4 ड्रोन हैं।

ये होंगे ड्रोन के लाभ

  • थाना क्षेत्रों में निकलने वाले जुलूसों की निगरानी हो सकेगी।
  • धरना प्रदर्शन, चक्का जाम में ड्रोन से निगरानी हो सकेगी।
  • बवाल या उपद्रव के समय इसे चलाकर उपद्रवियों या दंगाईयों की निगरानी हो सकेगी।
  • त्योहारों के पहले इसका प्रयोग थानास्तर पर किया जा सकेगा।
  • पत्थराबाजों को चिह्नित करने में आसानी होगी।