थोक ग्राहकों के लिए डीजल 28 रुपए प्रति लीटर तक महंगा:रिटेल प्राइज में बढ़ोतरी नहीं

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(www.arya-tv.com)घाटे की भरपाई के लिए तेल कंपनियों ने थोक ग्राहकों के लिए डीजल के रेट 28 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। थोक ग्राहकों में मॉल और बस ऑपरेटर जैसे खरीददार शामिल हैं। इनके लिए मुंबई में नए रेट 122.05 रुपए और दिल्ली में 115 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। रिटेल प्राइज में बढ़ोतरी नहीं की गई है। मुंबई के पेट्रोल पम्पों पर डीजल 94.14 रुपए और दिल्ली में 86.67 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।तेल कंपनियों के अनुसार लगातार पांचवें महीने पेट्रोल पंपों पर बिक्री बढ़ गई है। इसकी वजह यह है कि सस्ते डीजल के लिए बस ऑपरेटरों और मॉल जैसे थोक खरीदार भी पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे टैंकर बुक करने की बजाय पंप (फ्यूल डीलर) से डीजल खरीद रहे हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का नुकसान और बढ़ा है। इस नुकसान से निपटने के लिए कंपनियां अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं।

मुंबई में 94 रुपए का डीजल 122 में
मुंबई में थोक खरीदारों के लिए डीजल की कीमत बढ़कर 122.05 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यहां पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। ऐसे में थोक खरीदारों को डीजल के लिए प्रति लीटर 28 रुपए ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपए प्रति लीटर है, जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपए प्रति लीटर है।

सबसे ज्यादा नुकसान नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल को
सबसे ज्यादा नुकसान नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसे निजी रिटेल डिस्ट्रिब्यूटर्स को हुआ है। 2008 में सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) रिटेल डीलर्स को कम कीमत पर पेट्रोल और डीजल बेचने के लिए सरकार ने सब्सिडी दी थी, लेकिन प्राइवेट रिटेल डीलर्स को ऐसी योजना से बाहर रखा गया था।

इस बार PSU रिटेल डीलर्स को इन्वेंट्री में हुए फायदे और हाई रिफाइनिंग मार्जिन से अपने नुकसान की भरपाई करने को कहा गया है जो वे अभी कमा रहे हैं। लेकिन प्राइवेट रिटेल डीलर्स जैसे नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियों के पास खुदरा घाटे की भरपाई के लिए रिफाइनरियां नहीं हैं। इसी के चलते उन्हें ज्यादा नुकसान हो रहा है। ऐसे में पंप बंद करना ही इसके पास आखिरी ऑप्शन रह जाता है।

रिलायंस ने डीजल की सप्लाई घटाई
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने फ्यूल डीलर्स को डीजल सप्लाई में 50% कटौती के लिए कहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कंपनी को इसकी बिक्री पर 10-12 रुपए प्रति लीटर का घाटा हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने गुरुवार से डीजल की सप्लाई को आधा करने का निर्णय बुधवार की रात एक बैठक में लिया। जियो-बीपी के एक डीलर ने बताया कि एरिया मैनेजर ने सूचित किया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ दिसंबर 2021 में मेरे द्वारा बेचे गए डीजल वोल्यूम में से केवल आधे की सप्लाई करेगी। वे दिसंबर को बेंचमार्क मानकर चल रहे हैं।

क्या तेल कंपनियों को वाकई घाटा हो रहा है?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब बने हुए हैं। वहीं तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 30 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है। इसी के चलते थोक खरीदारों के लिए डीजल महंगा किया गया है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड प्रशांत वशिष्ठ के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं। ऐसे में  अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें 15 रुपए तक बढ़ सकती थीं। इसके अलावा इस रिपोर्ट के अनुसार तेल कंपनियों को घाटे से निकलने के लिए 12 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी होगी।