(www.arya-tv.com) अगर आप का जबड़ा पूरी तरह नहीं खुलता है या फिर मुंह में छह माह से अधिक समय से छाला है तो सावधान हो जाएं। यह खतरे की घंटी है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी से मुंह में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इसके लिए डेंटिस्ट से संपर्क करें। सरकारी अस्पतालों में इसका निःशुल्क उपचार होता है।
हर हफ्ते ओपीडी में आते हैं परेशान मरीज
वाराणसी के पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के दंत रोग विभाग की प्रभारी डॉ. निहारिका मौर्य ने बताया कि उनकी ओपीडी में हर हफ्ते एक-दो ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें जबड़ा पूरी तरह न खुलने या फिर मुंह के अंदर छाले के ठीक न होने की शिकायत होती है। इनमें अधिकांश उपचार से ठीक हो जाते हैं, जबकि कई ऐसे भी होते हैं जिनमें कैंसर के भी लक्षण होते हैं।
डॉ. निहारिका ने बताया कि हाल ही में 65 वर्षीय एक मरीज का जबड़ा लगभग दो माह से पूरी तरह नहीं खुल रहा था। हालत यह हो गई थी कि भोजन उनके मुंह के अंदर किसी तरह से जा पाता था। स्थिति जब बदतर हो गई तब वह उपचार कराने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के दंत रोग विभाग में पहुंचे। बताया कि वह गुटखा खाने के आदी हैं और उनका जबड़ा पूरी तरह जकड़ गया है। जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है। इस पर उन्हें तत्काल बीएचयू हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया।
डॉ. निहारिका ने बताया कि कुछ ऐसी ही स्थिति 48 वर्षीय एक अन्य मरीज की भी थी। खैनी खाने के आदी मरीज के गाल में आठ माह से छाला था। तमाम उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहा था। उपचार शुरू कराया तो पता चला कि उन्हें गाल का कैंसर है, उन्हें भी बीएचयू हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
डॉ. निहारिका ने कहा कि आमतौर पर लोग दांत या मुंह में हुए रोगों के प्रति लापरवाह होते हैं। वह चिकित्सक के पास तब जाते हैं जब उनकी पीड़ा असहनीय हो जाती है या रोग गंभीर हो चुका होता है। यदि लोग मुंह और दांत के रोगों के प्रति थोड़ी सी भी सावधानी बरतें तो उपचार से वह पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।