गाय-भैंस हैं पर्यावरण के लिए ख़तरनाक

Environment

वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के अनुसार गाय की गैस और डकार चिंता के विषय बने हुए हैंl वायुमंडल में हानिकारक मीथेन की अधिक मात्रा के लिए गाय-भैंसों की डकार और उनके पेट से निकलने वाली गैस को भी ज़िम्मेदार माना जाता हैl वैज्ञानिक मीथेन का उत्सर्जन रोकने के लिए गायों के खाने में सुधार करने की कोशिश करते रहे हैंl उन्हें लहसुन, ओरेगैनो, जाफ़रान या अन्य सब्ज़ियां खिलाकर उसका असर देखने की कई कोशिश की गई हैl गायों की गैस को कैसे कम हानिकारक बनाया जाए- कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हाल में शोध के ज़रिए इसका रास्ता निकाल लिया हैl
वैज्ञानिकों का कहना है कि गाय को समुद्री शैवाल खिलाने से उनकी गैस में मीथेन की मात्रा कम हो सकती है और इससे पर्यावरण की रक्षा हो सकती है l इस शोध के तहत वैज्ञानिकों ने क़रीब एक दर्जन दुधारू गायों को खाने में समुद्री शैवाल खिलायाl इसके बाद उनकी डकार और गैस से उत्पन्न होने वाली मीथेन में 30 फ़ीसदी की कमी पाई गईl शोध में शामिल विश्वविद्यालय के पशु वैज्ञानिक अरमियास केब्रियाब के अनुसार, “शोध के नतीजे देख कर उन्हें आश्चर्य हुआ कि थोड़ी मात्रा में समुद्री शैवाल खिलाने से चमत्कार भी हो सकता हैl ” उनका कहना है कि शोध के नतीजों से सीख लेते हुए उनकी टीम अब छह महीने तक भैसों को समुद्री शैवाल खिला कर उसका असर देखना चाहती हैl ये शोध इसी साल अक्टूबर में शुरू किया जाएगाl इलिनॉय विश्वविद्यालय में पशु वैज्ञानिक माइकल हुचेन्स कहते हैं, “अगर हम खाने में ज़रा सा बदलाव कर के वायुमंडल में मीथेन की मात्रा कम कर सकें तो इससे कार्बन उत्सर्जन पर सकारात्मक असर पड़ेगाl ”
गाय पर्यावरण के लिए ख़तरा?
नवंबर 2006 में आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के लिए ज़िम्मेदार कार्बन डाईऑक्साइड का जितना उत्सर्जन गाड़ियों या कारखाने के धुंए से होता है उससे कहीं अधिक गाय के पेट से होता हैl इस रिपोर्ट के अनुसार वायुमंडल को सबसे अधिक ख़तरा गाय और भैसों से हैl कारों से कार्बन डाईऑक्साईड का उत्सर्जन होता है जबकि गाय से मीथेन का l और कार्बन डाईऑक्साईड के मुक़ाबले मीथेन हमारे वायुमंडल के लिए कई गुना हानिकारक हैl ये ग्रीनहाऊस गैसों को अधिक मात्रा में बांध कर रखती है और यह ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण हैl