​बरेली में डेंगू से छह बच्चों की मौत की छुपाई गई रिपोर्ट, जिला सर्विलांस अधिकारी ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Bareilly Zone

(www.arya-tv.com) कोरोना से हुई तमाम मौतों को छिपा लिए जाने जैसा खेल अब डेंगू के मामले में भी शुरू हो गया है। भोजीपुरा के मेडिकल कॉलेज में डेंगू से हुई एक 11 वर्षीय किशोर की मौत को छह दिन तक पोर्टल पर अपडेट नहीं किया गया। बुधवार को इसका खुलासा हुआ तब कहीं पोर्टल अपडेट किया गया। अब जिला सर्विलांस अधिकारी ने डिस्ट्रिक्ट एपिडेमियोलॉजिस्ट और मेडिकल कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 15 सितंबर को भोजीपुरा के गांव खंजनपुर में रहने वाला बुखार पीड़ित किशोर की रैपिड किट से हुई जांच में डेंगू पॉजिटिव मिला था। अगले ही दिन उसकी मौत हो गई थी जिसके बाद उसी शाम उसकी एलाइजा जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। किशोर की मौत पोर्टल पर अपडेट नहीं की गई न किशोर के परिवार वालों की जांच हुई। बुधवार को मामला खुला तो जिला सर्विलांस अधिकारी ने किशोर की मौत की सूचना न देने पर जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। संतोषजनक जवाब न देने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। उधर, डिस्ट्रिक्ट एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मीसम अब्बास का कहना है कि उन्होंने मौके पर जाकर जांच की थी लेकिन किशोर के परिवार ने उन्हें उसकी मौत की जानकारी नहीं दी।

डिस्ट्रिक्ट एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मीसम की सफाई है कि किशोर भोजीपुरा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। नियमों के मुताबिक निजी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में भर्ती डेंगू मरीज की सूचना सीएमओ कार्यालय को देने की जिम्मेदारी उसी के प्रबंधन की है। किशोर की मौत की सूचना भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को ही देनी चाहिए थी, लेकिन उसने कोई जानकारी नहीं दी थी। मंगलवार देर रात उन्हेें इसकी जानकारी मिली तो बुधवार को उन्होंने भोजीपुरा सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी से रिपोर्ट मांगी है

कागजों पर तमाम निर्देश, मगर असलियत में सब हवाहवाई
नियमों के मुताबिक डिस्ट्रिकट एपिडेमियोलॉजिस्ट की नियुक्ति संक्रामक रोग की पड़ताल के लिए की जाती है। जहां संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है या कोई मरीज मिलता है तो वहां पहुंचकर उसे बीमारी की वजह और उसकी रोकथाम के लिए पड़ताल करनी होती है। आसपास के लोगों को बचाव के प्रति जागरूक करने की भी जिम्मेदारी होती है। डेंगू पीड़ित किशोर की मौत से साफ हो गया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम अपने दायित्वों का कैसे निवर्हन कर रही है।

डीबीसी टीम घर-घर जांच का दावा, फिर भी बेखब डिस्ट्रिक्ट एपिडेमियोलॉजिस्ट के अलावा जिला मलेरिया विभाग की ओर से गठित टीम की गतिविधियों पर भी सवाल उठा है। अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि वे डेंगू मरीज मिलते ही अगले दिन उसके घर पहुंचते हैं और वहां जांच में अगर लार्वा मिलता है तो फौरन नष्ट कराते हैं। कागजों में किशोर की मौत के बाद खंजनपुर में भी यह अभियान चलाने का रिकॉर्ड है मगर किशोर की मौत की जानकारी डीबीसी टीम को भी न हो पाने खुद सारी सच्चाई बयान हो रही है। यह आरोप भी लगते रहे हैं कि यह टीम जांच की खानापूरी कर ज्यादातर रिपोर्ट कागजों पर ही बना रही है।

दो और डेंगू पीड़ित, 12 मलेरिया से ग्रसित
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुधवार को सीबीगंज स्थित लेबर कॉलोनी में दो और डेंगू के मरीज मिले हैं। इसके अलावा मलेरिया विवैक्स पीड़ित 12 मरीज मिले हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे बुखार पीड़ितों की रैपिड किट से जांच की गई लेकिन कोई पॉजिटिव नहीं मिला है। जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह ने नए मिले डेंगू पीड़ितों के इलाकों में निरोधात्मक कार्रवाई किए जाने की बात कही है।