- एआई, पर्यावरण और फिटनेस: युवा पीढ़ी के सामने प्रमुख तीन चुनौतियां – डॉ. राजेश्वर सिंह
- अब लोकल या नेशनल नहीं, ग्लोबल और टफ कॉम्पिटिशन के लिए तैयार हो युवा पीढ़ी – डॉ. राजेश्वर सिंह
- अभिभावकों और अध्यापको के प्रति युवा पीढ़ी को हमेशा रहना चाहिए ऋणी और आभारी – डॉ. राजेश्वर सिंह
- एआई, रोबोटिक्स के क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए आगे आएं हमारे इंजीनियर – डॉ. राजेश्वर सिंह
- आज की युवा पीढ़ी बहुत भाग्यशाली है, आज़ादी के बाद हजार गुना तक बढे हैं संसाधन – डॉ. राजेश्वर सिंह सिंह
लखनऊ। बक्शी का तालाब स्थित आर आर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉडर्न टेक्नोलॉजी के वार्षिकोत्सव एवं मेधावियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सहभागिता की और युवा पीढ़ी को सफलता का मंत्र दिया।
संस्थान के छात्र – छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है, भारत में 50 प्रतिशत से कम जनसँख्या 25 साल से नीचे और 65 प्रतिशत जनसँख्या 35 साल से नीचे है। युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए विधायक ने कहा कि हमारे युवा नए विचारों, ऊर्जा, रचनात्मकता और कुछ हासिल कर सकने के उत्साह से परिपूर्ण हैं। युवाओं को अधिक बेहतर, संतुष्टिपूर्ण जीवन तथा लोकतांत्रिक विकास को गति देने की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए। विधायक ने कहा कि छात्र छात्राओं के बीच जाना, उन्हें प्रेरित, प्रोत्साहित करना, उनका मार्गदर्शन करना मैं अपना प्रमुख उत्तरदायित्व समझता हूँ।
देश की प्रगति के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए सरोजनी नगर विधायक ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी बहुत ही भाग्यशाली है, उसके पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं, आजादी के समय भारत में केवल 1.5 लाख प्राइमरी स्कूल, 1000 से कम कॉलेज और 50 से कम विश्वविद्यालय थे, हमारे अभिभावकों और शिक्षाविदों के अथक प्रयासों से आज देश में 15 लाख से अधिक प्राइमरी स्कूल, 45 हजार से अधिक कॉलेज, 1000 हजार से अधिक विश्वविद्यालय हैं, भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शिक्षा नेटवर्क है।
युवाओं के पास आज अपने ही देश में इसरो, डीआरडीओ जैसे प्रमुख रक्षा संस्थान हैं, युवा पीढ़ी के पास प्रगति के असीमित अवसर हैं। भारत जब आज़ाद हुआ था तब देश में बिजली उत्पादन केवल 1500 MW था जो अब बढकर 4 लाख MW हो गया है, आज लखनऊ में बिजली की मांग 1947 में राष्ट्रीय उत्पादन से अधिक है, ये वृद्धि 77 साल में हुई देश की प्रगति को दर्शाती है। आज़ादी के समय भारत के पास केवल 1,000 करोड़ का विदेशी मुद्रा भण्डार था जो अब बढ़कर 50 लाख करोड़ से अधिक हो गया है, भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है।
युवा पीढ़ी को भविष्य के अवसरों और चुनौतियों के प्रति सचेत करते हुए विधायक ने कहा कि भारत को दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने का उत्तरदायित्व हमारी युवापीढ़ी के कन्धों पर है, उन्हें भविष्य के अवसरों व चुनौतियों के प्रति जागरूक होना है, 25 साल पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी, कंप्यूटर मनुष्य को शतरंज के खेल में हरा देगा। परंपरागत नौकरियों के स्थान पर ऐआई, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग से सम्बंधित रोजगार में ही युवाओं का भविष्य हैं। इंजीनियरिंग छात्रों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अनुसंधान का आह्वान कर डॉक्टर सिंह ने पर्यावरणीय प्रदूषण सम्बंधित आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि वैश्विक तापमान 10 साल में 0.2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ा है, हर साल समुद्र के स्तर में 4.62 मिमी तक वृद्धि हो रही है, 2050 तक समुद्र स्तर में एक फुट वृद्धि का अनुमान है।
युवाओं को स्वास्थ तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यवश आज भारत को मधुमेह राजधानी कहा जाने लगा है, देश में 10 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, विधायक ने कहा युवाओं को स्पोर्ट्स को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए, स्पोर्ट्स हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के साथ अनुशासित, दृढ संकल्पित बनने में भी सहायता करता है। कार्यक्रम के दौरान विधायक ने मुस्कान गुप्ता, स्नेहा राय, एकांश अग्निहोत्री, हर्ष अग्निहोत्री और सुंदरम सिंह को टैब प्रदान कर सम्मानित किया।
इस दौरान संस्थान के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, सचिव चित्रान्शु अग्रवाल, निदेशक डॉ. सूर्य प्रकाश त्रिपाठी, डीन दुर्गेश वर्मा, आरती जायसवाल, विवेक सिंह, चीफ प्रॉक्टर विजय बहादुर सिंह तथा वरिष्ठ पत्रकार विधि सिंह उपस्थित रहे।