राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पुलिसकर्मियों की एमएलसी सहित 18 बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में 14 मई को हुए गैंगवार व पुलिस मुठभेड़ के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार ने यूपी सरकार से 10 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी, चित्रकूट डीएम -एसपी और जेल के अधिकारियों को डीआईजी जेल प्रयागराज के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मानवाधिकार आयोग ने मारे गए अपराधियों और जेल पुलिस की भूमिका के संबंध में 18 बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

आयोग ने इन मुख्य बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट

  • 14 मई को एक कैदी ने जेल कर्मियों से कथित तौर पर पिस्टल छीनकर और दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद जेल स्टाफ व पुलिस की फायरिंग में वह भी मारा गया। यह कितने बजे हुआ कैसे हुआ, कौन-कौन लोग शामिल थे?
  • विस्तृत रिपोर्ट में कैदियों की मौत मुठभेड़ के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए द्वितीय मुठभेड़ के पहले और बाद में पुलिस बलों के प्रस्थान व आगमन की दर्ज स्थिति की फोटोकॉपी।
  • घायल पुलिसकर्मियों की एमएलसी रिपोर्ट, मृतक व्यक्तियों के अपराधिक इतिहास का विवरण।
  • मुठभेड़ के दौरान पुलिस बल व मृतक की स्थिति की जांच रिपोर्ट, प्रत्येक मृतक की पोस्टमार्टम जांच की रिपोर्ट, चोट के निशान को चिन्हित करते हुए पूरी जानकारी।
  • मृतक और उसके साथियों द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद और बैलेस्टिक जांच की रिपोर्ट।
  • रिपोर्ट भेजते समय अब तक हुई जांच का पूरा विवरण, मृतक के परिवार के सदस्यों व अन्य गवाहों के बयान की प्रति।
  • तीनों मौत के संबंध में सौपे गए मेमो की फोटो कॉपी, दूसरी पहचान की भी फोटो कॉपी व वायरलेस लॉक की छायाप्रति
  • मृतक के रिश्तेदार या अन्य व्यक्तियों द्वारा फर्जी मुठभेड़ में हत्या का आरोप लगाने की शिकायत की कॉपी।

जेल में दो बदमाशों की हत्या, फिर पुलिस एनकाउंटर में एक ढेर
बीते 14 मई को 9:30 बजे चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी सुरक्षा से लैस रगौली जेल में गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठी थी। सीतापुर के शार्प शूटर सुमित दीक्षित उर्फ अंशू ने दो कुख्यात अपराधियों मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला था। बाद में पुलिस ने अंशुल को भी मार गिराया। अंशुल और पुलिस के बीच जेल के अंदर करीब आधे घंटे मुठभेड़ चली। मारा गया अपराधी मेराजुद्दीन मुख्तार गैंग का शातिर गुर्गा था। शातिर अपराधी अंशुल दीक्षित करीब डेढ़ वर्ष से चित्रकूट जेल में बंद था। वेस्ट यूपी का गैंगस्टर मुकीम काला निवासी शामली और पूर्वांचल के मुख्तार गैंग का गुर्गा वाराणसी निवासी मेराजुद्दीन को कुछ दिन पहले चित्रकूट जेल में लाया गया था। घटना के दिन करीब साढ़े नौ बजे अंशु ने मौका पाकर पिस्टल से दोनों बदमाशों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। जब तक सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते, कई राउंड गोलियां मुकीम और मेराजुद्दीन पर उतार दीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अंशुल को ललकारा और आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उसने सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह पुलिस की गोली से मारा गया।