चुनाव समीकरण बैठाने के लिए राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने शुरू कर दी जोड़तोड़

Bareilly Zone

बरेली (www.arya-tv.com) सियासी दंगल के लिए बिसात बिछ चुकी है। चुनाव समीकरण बैठाने के लिए राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने जोड़तोड़ शुरू कर दी है। अब आठ मार्च तक आपत्तियों का दौर चलेगा। जिला स्तरीय समिति आपत्तियों का निस्तारण 12 मार्च तक करने के बाद 15 मार्च तक अंतिम सूची जारी कर देगी।

प्रशासन ने मंगलवार को देर रात आरक्षण जारी किया। ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानों की सूची चस्पा हुई, लेकिन कई ब्लॉक छूटे हुए थे। बुधवार को बचे हुए वार्ड के आरक्षण की सूची चस्पा हुई। दिनभर मुख्यालय पर आरक्षण देखने के लिए पहुंचने वालों का तांता रहा।

सियासी उठापटक से पहले उम्मीदवार आरक्षण के आगे ‘पस्त’

जारी आरक्षण के बाद बरेली में ब्लॉकों की सूरत बदली है। कई संभावित उम्मीदवारों के समीकरण भी ध्वस्त हुए हैं। ये वही उम्मीदवार हैं, जो चुनाव की सुगबुगाहट होते लाखों खर्च करने लगे थे, अब आरक्षण में मात खाने के बाद नए वार्ड से चुनाव की तैयारियां शुरू की है।

जिक्र भुता से शुरू करते हैं। यहां वार्ड 54 पर पिछड़ा वर्ग के तीन भाजपा नेता तगड़ी तैयारी कर रहे थे। इनमें एक पेशे से डॉक्टर, जबकि दूसरे जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। अब आरक्षण में यह सीट एससी होने के बाद समीकरण बदल गया। अब तीनों बगल के वार्ड से दावेदारी करने की तैयारी में हैं।

आरक्षण आते ही नवाबगंज की कुछ सीटों पर संभावित प्रत्याशियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। विधायक केसर सिंह की बेटी की शादी हाल में पिपरा गांव में हुई। चर्चा तेज थी कि वह ससुराल से ही क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ेंगी, लेकिन आरक्षण में यह सीट एससी उम्मीदवार के लिए आरक्षित हो गई। अब वह किसी और वार्ड से चुनाव लड़ सकती हैं।

यहां समाजसेवी डॉ. एके गंगवार ने गांव पढरा में खूब रुपया खर्च किया। विकास के सहारे चुनाव में उतरने की तैयारी के बीच उनका गांव एससी के लिए आरक्षित हो गया। वह भी दूसरे वार्ड से क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं विधायक केसर सिंह के भतीजे ¨पटू की सीट सुरक्षित है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुमित्र गंगवार पितांबरपुर से भी चुनाव लड़ सकती हैं।

आंवला की आलमपुर जाफराबाद की सीट पर ज्यादातर यादव काबिज रहे हैं। सत्ता में चाहे सपा रहे या भाजपा। अब सीट एससी होने के बाद नये चेहरे सामने आने लगे है, लेकिन संभावित उम्मीदवार यहां पत्ते खोलने से बच रहे हैं।

फरीदपुर में ब्लॉक प्रमुख के लिए सीट अनारक्षित होने से मैदान खुला हुआ है। भले ही ब्लाक प्रमुख के लिए सपा समर्थित रवि बाबू के परिवार से ही कोई न कोई सीट पर काबिज रहा हो, लेकिन इस दफा भाजपा से तीन संभावित प्रत्याशी जोर लगा रहे हैं। यहां भी तगड़ी टक्कर होगी।