रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा, भारत ने विदेशों में जमकर बेचा पेट्रोल-डीजल, इतनी बढ़ी कमाई

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(www.arya-tv.com) रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों ने रूसी तेल लेना बंद कर दिया। फिर भी तेल की खपत तो बनी रही। इसका फायदा उठाया भारत ने और रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत कई बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरीज ने यूरोप को जमकर पेट्रोल-डीजल का एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि भारतीय कंपनियों की कमाई अच्छी खासी बढ़ गई।  इसमें रोचक बात ये है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों ने जिस रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया।

भारत ने वही रूसी तेल डिस्काउंट प्राइस पर खरीदा, उसे यहां की रिफाइनरीज में पेट्रोल-डीजल में बदला और फिर यूरोप एवं अन्य देशों को एक्सपोर्ट करके मोटा मुनाफा कमाया। रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर रिफाइनरी दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम प्रोसेसिंग यूनिट है।

कम एक्सपोर्ट, ज्यादा कमाई

अगर आंकड़ों को देखें तो 2022-23 में भारत ने इससे पिछले साल की तुलना में करीब 10 प्रतिशत कम पेट्रोल-डीजल का एक्सपोर्ट किया। इसके बावजूद डॉलर में उसकी कमाई जहां 26 प्रतिशत और रुपये में 35 प्रतिशत बढ़ गई। इसकी बड़ी वजह अंतराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ऊंची होना, और डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना है।

हुआ इतने करोड़ का एक्सपोर्ट

भारत ने 2022-23 में कुल 42 अरब डॉलर (करीब 3,33,620 करोड़ रुपये) मूल्य का पेट्रोल-डीजल एक्सपोर्ट किया। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी प्राइवेट सेक्टर की रिफाइनरीज यानी रिलायंस इंडस्ट्रीज की रही। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इससे भारत को विदेशी मुद्रा का लाभ मिला। वहीं रिफाइनरीज को प्राइस में अंतर की वजह से ऊंचा प्रॉफिट हासिल हुआ।

भारत में भी बढ़ी खपत

वैसे 2022-23 में भारत का पेट्रोलियम एक्सपोर्ट घटने की एक वजह घरेलू स्तर पर इसकी खपत बढ़ना है। इस दौरान पेट्रोल की खपत में 14 प्रतिशत और डीजल की खपत में 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

हालांकि भारत ने 2022-23 में विदेशों को 2.85 करोड़ टन डीजल एक्सपोर्ट किया, जिसका मूल्य 28.9 अरब डॉलर (करीब 2,31,130 करोड़ रुपये) रहा. वहीं पेट्रोल का एक्सपोर्ट 1.31 करोड़ टन किया गया। इसकी कीमत 12.8 अरब डॉलर (करीब 1,02,489 करोड़ रुपये) है।