पुलिसवाले की ग्रेजुएट बेटी आज यूपी में मोस्ट वांटेड:घरेलू महिला से नेता बनी अतीक की पत्नी शाइस्ता

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(www.arya-tv.com)  प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल में माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और छोटे भाई अशरफ की हत्या कर दी गई। इससे पहले अतीक के बेटे असद अहमद और उसके खास गुर्गे गुलाम का एनकाउंटर कर दिया गया था। अब इस पूरे मामले में दो और ऐसे नाम हैं, जिनको पुलिस जगह-जगह तलाश रही है।

पहला नाम है-अतीक के राइट हैंड कहे जाने वाले गुड्डू मुस्लिम का। वहीं दूसरा नाम है- अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन का। आरोप है कि शाइस्ता भी उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग में शामिल थी। अब शाइस्ता के पति, बेटा और देवर की मौत हो चुकी है, लेकिन वो फरार है।

शाइस्ता पर अब 50 हजार रुपए का इनाम है। पूरी यूपी पुलिस और STF लगातार शाइस्ता के पीछे लगी है। पुलिस के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वो शाइस्ता परवीन को खोज निकाले। आखिर इतनी शातिर कैसे बनी शाइस्ता।

पिता पुलिस कॉन्स्टेबल और एक भाई प्रिंसिपल रहे
साल 1972. प्रयागराज का दामुपुर गांव। पुलिस कॉन्स्टेबल फारूख के घर पर एक बच्ची का जन्म हुआ। नाम रखा शाइस्ता परवीन। वो 4 बहनें और 2 भाई हैं। शाइस्ता उनमें सबसे बड़ी है। 8 लोगों के परिवार में सिर्फ पिता ही कमाने वाले थे। जैसे-तैसे मेहनत करके वो अपने सभी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई करवाते।

शाइस्ता बचपन से ही पिता के साथ थानों में बने सरकारी पुलिस क्वार्टर में रही। उनका बचपन और उसके बाद के कई साल प्रतापगढ़ में बीते। यहीं उसने अपनी काफी पढ़ाई भी पूरी की। उसके भाई-बहन भी साथ पढ़ते थे। उसके दो भाई में से एक मदरसे में प्रिंसिपल भी बने।

अतीक अहमद 9वीं पास वहीं शाइस्ता ग्रेजुएट है

अतीक के पिता तांगा चलाते थे। घर में पैसे कम थे लेकिन उन्होंने अपने सभी बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। पर अतीक का पढ़ने में बिल्कुल मन नहीं लगता था। नतीजा यह हुआ कि वो 10वीं में फेल हो गया। इसके बाद उसने पढ़ाई पूरी तरह छोड़ दी। वहीं दूसरी तरफ शाइस्ता पढ़ाई में अच्छी थी। उसने ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई के बाद वो घर का काम-काज भी देखती थी।

24 साल की उम्र में शाइस्ता ने अतीक से शादी कर ली
साल 1996. शाइस्ता अब 24 साल की हो गई थी। इस वक्त अतीक जुर्म के अलावा राजनीति की दुनिया में भी बड़ा नाम हो गया था। शाइस्ता का परिवार अतीक के परिवार के पास रिश्ता लेकर गया। दोनों परिवारों की एक दूसरे से पहले से जान पहचान थी।

शाइस्ता बातचीत में तेज तर्रार थी। इसके साथ ही अतीक से ज्यादा पढ़ी-लिखी भी थी। यही अतीक ने रिश्ता मंजूर कर लिया। अगस्त के महीने में दोनों की शादी हो गई। अतीक और शाइस्ता के कुल 5 बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा उमर, फिर अली, असद, अजहम और अबान। इसमें असद का एनकाउंटर हो गया है। वहीं उमर और अली जेल में तो अजहम और अबान सुधार गृह में हैं।

जब शाइस्ता से शादी हुई तो अतीक 4 बार, साल 1989, 1991, 1993, 1996 में विधायक बन चुका था। इसके बाद साल 2002 में शहर पश्चिमी सीट से वो 5वीं बार विधायक चुना गया। वहीं 2004 में फूलपुर संसदीय सीट से सांसद भी निर्वाचित हुआ।

अतीक क्राइम करता पर शाइस्ता इस दुनिया से अभी दूर थी
अतीक धीरे-धीरे एक बड़ा नेता बन गया लेकिन अपनी माफिया वाली छवि से वो कभी बाहर नहीं आ पाया। बल्कि नेता बनने के बाद उसके अपराधों की रफ्तार और तेज हो गई। भाई अशरफ ने भी अतीक का कदम-कदम पर साथ दिया। लेकिन शाइस्ता का नाम अब तक अतीक से जुड़े किसी भी क्राइम में सामने नहीं आया था।

अतीक का क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा था। 2005 में राजू पाल मर्डर केस ने पूरे देश का ध्यान अतीक-अशरफ की तरफ खींचा। यहीं से अतीक के बुरे दिन शुरू हो गए। 2007 में प्रदेश में सत्ता बदली और बसपा की सरकार बनी। उस वक्त की सीएम मायावती ने कार्रवाई शुरू की और अतीक-अशरफ को गिरफ्तार करके जेल भेजा। उस वक्त अतीक अहमद सांसद था।

अतीक अहमद के आतंक का शिकार हो चुके प्रॉपर्टी डीलर जीशान ने कुछ दिन पहले शाइस्ता को लेकर बड़ा खुलासा किया था। उसने कहा कि अगर अतीक अहमद खूंखार है, तो उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी कम नहीं है। वह बहुत शातिर है। खुद रंगदारी वसूलने के साथ ही लोगों को धमकाती है। इतना ही नहीं जो लोग उसकी बात नहीं मानते गुर्गों के मदद से उन्हें प्रताड़ित भी कराती है।

फिलहाल, शाइस्ता गायब है। बेटे का एनकाउंटर हुआ तो लगा कि शाइस्ता अंतिम संस्कार में आएगी। लेकिन नहीं आई। पति और देवर की मौत हुई तब लगा कि वह अब तो सामने आएगी, लेकिन तब भी वह सामने नहीं आई। पुलिस ने शाइस्ता का पता बताने वालों को 50 हजार इनाम देने का ऐलान किया है।