कोरोना की गोद में समाये इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेक्शन ऑफीसर

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प्रयागराज।(www.arya-tv.com) स्वरूपरानी नेहरू कोविड अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के चार अन्‍य मरीजों की मौत हो गई। इसमें एक मरीज भदोही जनपद का रहने वाला था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 45 वर्षीय सेक्शन ऑफीसर की भी कोरोना से मौत हो गई। उन्हेंं निमोनिया हो गया था।

जांच कराए तो सात अगस्त को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई। उन्हेंं एसआरएन में भर्ती कराया गया था। करीब चार दिन चले इलाज के बाद रविवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। वह तेलियरगंज के रहने वाले थे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, उनके दो बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव हैं।

इसी तरह हंडिया के रहने वाले 65 वर्षीय एक वृद्ध की भी जान चली गई। एसआरएन में ही उनका इलाज चल रहा था। तीसरी मौत बहादुरगंज के 70 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव की हुई है। वह शहर के एक निजी अस्पताल में गुर्दे व बीपी का इलाज करा रहे थे, वहां जांच में जब पॉजिटिव आ गए तो उन्हेंं एसआरएन रेफर कर दिया गया।

वह वेंटिलेटर पर ही अस्पताल से आए थे और वेंटिलेटर पर ही इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं दूसरी ओर एसआरएन कोविड अस्पताल में एक और मरीज की मौत हुई लेकिन जब वह मरणासन्न हो गया तो डॉक्टर उसे यह कहकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था कि वह निगेटिव हो चुका है।

कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि अस्पताल में कोरोना की मौत कम दिखाई जा सके। दरअसल, दो अगस्त को एक कोरोना मरीज एसआरएन में भर्ती किया गया था। उसके परिवार के लोगों के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी।

नौ अगस्त को रात करीब आठ बजे उसे कोरोना वार्ड से वार्ड नंबर नौ में भेज दिया गया, इस वार्ड में नान कोविड मरीज भर्ती होते हैं जिन्हेंं फेफड़े की बीमारी होती है। वहां रात भर तड़पने के बाद सुबह ही उसकी मौत हो गई। इस संबंध में पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. तारिक महमूद का कहना है कि मरीज को उनके अंडर में भर्ती कर दिया गया जबकि उन्हेंं इसकी जानकारी ही नहीं।

वहीं एसआरएन के नोडल डॉ. सुजीत वर्मा कहते हैं कि उस मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। फेफड़े संबंधी बीमारी के कारण 18 नंबर के लिए रेफर कर दिया गया था।