(www.arya-tv.com) एआई के आने से मीडिया के क्षेत्र में बड़े बदलाव की संभावना है। कारण, न्यूज़रूम में एआई का दखल दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। यह बातें, आईआईटी पटना की सीनियर रिसर्च फेलो ज्योति भगत ने श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ़ मीडिया स्टडीज द्वारा आयोजित ‘एप्लीकेशन ऑफ़ न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी इन एन्द्रगोगी’ विषयक सात दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे दिन बतौर वक्ता कहा।
गूगल मीट पर आयोजित इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में ज्योति भगत ने ‘मीडिया में एआई के प्रयोग’ विषय पर केन्द्रित अपने व्याख्यान में एआई की खूबियों को बताते हुए कहा कि एआई के माध्यम से किसी भी जानकारी को अधिक कुशलता से खोजना और उसे प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करना आसान है। यह तकनीकी मीडिया के क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए खतरा नहीं, बल्कि सहूलियत लेकर आने वाली है। बस इसे अपनाने की जरुरत है। वक्ता एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इंस्टिट्यूट ऑफ़ मीडिया स्टडीज की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ० मिली सिंह ने कहा कि मीडिया ने तकनीकी को हमेशा ही अपनाया है, ऐसे में एआई तकनीकी की स्वीकार्यता स्वभाविक है और मीडिया में एआई के प्रयोग विषय पर चर्चा इसी का हिस्सा है।
सात दिवसीय इस ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में अगले अगले पांच दिनों के कार्यक्रमों में, शिक्षण में न्यू मीडिया तकनीकी के उभरते आयाम, गूगल सर्च के तरीके, साहित्य सर्वेक्षण के ऑनलाइन स्रोत, शिक्षण सामग्री ने अनुवाद में तकनीकी का प्रयोग, फेकन्यूज़ को पहचानने के तरीके पर देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से विषय विशषज्ञों का व्याख्यान होगा। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में पहले दिन श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय समेत देश के अन्य विश्वविद्यालयों से सैकड़ों शिक्षक और शोधार्थी ऑनलाइन जुड़ें। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मीडिया स्टडीज की प्राध्यापक डॉ० ध्वनि सिंह सिंह ने किया।