(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश सरकार कोविड महामारी की सम्भावित वापसी को लेकर अलर्ट हो गई है। इसके तहत राजधानी लखनऊ में एक बार फिर धारा 144 पांच अप्रैल तक के लिए लागू कर दी गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान किसी भी आयोजन के लिए इजाजत लेनी जरूरी होगी। बताया जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गाइड लाइन भी जारी की गई है। य फैसला राजनीतिक दलों के धरने, प्रदर्शन के साथ कोरोना और आने वाले त्यौहार को देखते हुए लिया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा की तरफ से जारी किए गए आदेश में यह लिखा गया कि, राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों, भारतीय किसान संगठनों और अन्य संगठनों द्वारा लखनऊ में धरना प्रदर्शन की आशंका है। इससे शांति व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
त्यौहारों को लेकर सरकार अलर्ट
इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते प्रभाव से जन जीवन प्रभावित हो सकता है। मार्च में 11 को महाशिवरात्रि, 28 को होलिका दहन, 29 को होली और शबे बारात, 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे, 3 अप्रैल को ईस्टर सैटरडे और 5 अप्रैल को ईस्टर मंडे के साथ महाराज कश्यप जयंती के अवसर पर असामाजिक तत्व शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं। इसे देखते हुए धारा 144 लागू की गई है।
विधानसभा में कल पास हुआ था निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाला विधेयक
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बिना परमिशन धरना प्रदर्शन व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021 संशोधन पास हुआ था। इस विधेयक के बाद अब अगर उत्तर प्रदेश में आंदोलनकारियों को अब सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना भारी पड़ेगा।
दंगाई की पुष्टि होने पर 5000 से एक लाख रुपए तक जुर्माना भरना पड़ेगा। विधानसभा में उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 पास हुआ है। उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 के तहत दंगाइयों पर कार्यवाही हो सकती हैं। ऐसे में लखनऊ में धारा 144 लागू किए जाने के बाद इस विधेयक के माध्यम से सरकार प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर सकती है।