राम मंदिर ट्रस्ट से फर्जीवाड़ा का मामला:क्लोन चेक के जरिए निकाले गए 6 लाख रुपए खाते में वापस

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(www.arya-tv.com)अयोध्या में बनने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से ठगों ने क्लोन चेक के जरिए 6 लाख रुपए निकाल लिए थे। सोमवार को बैंक ने छह लाख रुपए ट्रस्ट के खाते में वापस कर दिया है। अब ट्रस्ट इस घटना के बाद खाता संचालन और पेमेंट को लेकर सजग हो गया है। अब चेक के जरिए कोई भुगतान नहीं होगा। भुगतान केवल आरटीजीएस के जरिए होगा

ट्रस्ट का अकाउंट चलाने के लिए चंपत राय और मेंबर डॉ. अनिल मिश्र को अधिकृत किया गया है। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि अयोध्या में ट्रस्ट के दो अकाउंट हैं। जिसमें एक खाते में केवल धनराशि जमा की जा सकती है, उसमें से भुगतान नहीं किया जा सकता। जबकि दूसरे से केवल पेमेंट की व्यवस्था है। सुरक्षा के मद्देनजर अब भुगतान खाते में केवल उतना ही बैलेंस रखा जाएगा, जितने का किसी को भुगतान करना रहेगा। अब चेक के जरिए कोई पेमेंट न करके आरटीजीएस के जरिए भुगतान किया जाएगा।

एसबीआई और पीएनबी को लिखा गया था लेटर
ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने कहा है कि हमने एसबीआई व पीएनबी को पत्र लिख कर 6 लाख रुपए वापस करने की मांग की थी। क्योंकि क्लोन चेक से भुगतान किए 6 लाख रुपए की जिम्मेदारी बैंक की थी।
उन्होंने कहा कि अकाउंट की सुरक्षा के लिए बैंक से बात की गई तो सुरक्षित तरीका की जानकारी मिली है।

तीसरी बार 9.86 लाख निकालने की कोशिश में सामने आया था फर्जीवाड़ा

लखनऊ के एक बैंक से क्लोन चेक बनाकर 1 सितंबर को 2.5 लाख और 3 सितंबर को 3.5 लाख रुपए निकाले गए। तीसरी बार जब 9.86 लाख रुपए के फर्जी चेक से पंजाब नेशनल बैंक में पैसे निकालने की कोशिश की गई तो वेरीफिकेशन के लिए बैंक अधिकारियों ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को फोन किया। महासचिव ने इतने बड़े अमाउंट का चेक देने से इनकार कर दिया। इस पर बैंक अधिकारियों ने ट्रांजेक्शन रोक दिया।

टीम अभी महाराष्ट्र से नहीं लौटी

एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है। बैंक के अकाउंट की भी जांच की जा रही है कि किन परिस्थितियों में क्लोन चेक बना कर कैसे इससे धनराशि ट्रांसफर की गई। जांच के दो टीमें महाराष्ट्र व लखनऊ भेजी गई हैं, जो अभी नहीं लौटी हैं। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी इस सिलसिले में नहीं हुई है।

ट्रस्ट ने इस तरह वापस पाई धनराशि

दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियम है कि चेक के जरिए भुगतान की प्रक्रिया में फ्रॉड होने पर जिम्मेदारी बैंक की होगी। बैंक की गलती मिलने पर एक सप्ताह के भीतर धनराशि खाताधारक को वापस करना होगा। इसी प्रक्रिया के तहत ट्रस्ट ने भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधन को लेटर लिखा। इसमें कहा गया कि आपके द्वारा दिए गए सभी चेक सुरक्षित हैं। जिनसे पेमेंट हुआ है, उनका विवरण मौजूद है। ऐसे में क्लोन चेक के जरिए भुगतान कैसे हुआ? यह पकड़ना बैंक की जिम्मेदारी दी है। बैंक ने अपनी गलती मानते हुए पैसे खाते में ट्रांसफर कर दिए।