मौत के शतक के बाद जागे नीतीश, अब मृतकों के घर जाएगी टीम

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बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर नीतीश सरकार की नींद टूटी है। मंगलवार को वह श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा करेंगे। यहीं पर ज्यादातर ​बीमार बच्चों का इलाज चल रहा है।

बिहार में चमकी बुखार बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। पिछले 17 दिनों में 128 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं 400 से ज्यादा बच्चें अस्पतालों में भर्ती हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। इतना ही नहीं मानवाधिकार आयोग ने भी इस बच्चों की मौत के मामले को संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।

मुख्यमंत्री ने बुलाई थी बैठक
बुखार से फैली महामारी के चलते सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया
​था कि सरकार ने फैसला किया है कि उनकी टीम हर उस घर में जाएगी जिस घर में इस बीमारी से बच्चों की मौत हुई है, टीम बीमारी के बैक ग्राउंड को जानने की कोशिश करेगी, क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि आखिर इस बीमारी की वजह क्या है।

क्या है वजह
कई विशेषज्ञ इसकी वजह लीची वायरस बता रहे हैं, लेकिन कई ऐसे पीड़ित भी हैं, जिन्होंने लीची नहीं खाई है।

आपको बता दें कि इस बुखार से 12 जिले प्रभावित हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 2014 में भी 379 बच्चों की मौत हुई थी।