बीसीसीआई ने बीते गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगले महीने होने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज के लिए 15 सदस्ययी टीम का एलान किया, जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को शामिल नहीं किया गया। टी-20 टीम में शामिल नहीं होने के चलते एक बार फिर से उनके संन्यास लेने की खबरें तेज हो गई हैं। यहां तक कि इसके बाद क्रिकेट पंडितों ने यह कयास लगाने शुरू कर दिए कि क्या धोनी को नजरअंदाज किया गया है?
धोनी को प्रोटियाज के खिलाफ न खिलाने का मामला तूल पकड़े इससे पहले चयनकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि धोनी ने अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले वर्ल्ड टी20 के लिए टीम तैयार होने का वक्त दिया है। उन्होंने कहा कि धोनी ने वादा किया है कि वह अपने करियर पर तभी फैसला लेंगे जब टीम का भविष्य सफल हाथों में होगा और चयनकर्ता इस बात को लेकर आश्वस्त होंगे कि विकेटकीपिंग विभाग में उनके पास पर्याप्त विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ‘धोनी को नजरअंदाज करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। बल्कि धोनी ने हमें भविष्य के लिए टाइम दिया है ताकि हम अगले साल होने वाले वर्ल्ड टी-20 को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार कर सकें। उन्हें इस बात का अहसास है कि लोगों की राय से पहले टीम आती है। हम भी इस बात को समझते हैं कि अगर ऋषभ पंत चोटिल हो जाते हैं तो हमारे पास छोटे प्रारूप में उनका सही विकल्प मौजूद नहीं है। धोनी ने इस वजह से अभी कुछ वक्त इंतजार करने का फैसला किया है। इस समय उन्हें नजरअंदाज करने का कोई सवाल नहीं है।’
इस दौरान चयनकर्ताओं ने यह भी साफ किया वर्ल्ड कप 2019 के बाद धोनी से उनके भविष्य को लेकर कोई बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ‘नहीं, हमने अभी तक उनके साथ बैठकर कोई बात नहीं की है। इसी वजह से उन्होंने हमें कुछ वक्त दिया है ताकि हम भविष्य को लेकर योजनाएं तैयार कर सकें और विकल्पों पर गौर कर सकें। अगर ऋषभ पंत चोटिल हो जाते हैं और किसी वजह से वर्ल्ड टी20 का हिस्सा नहीं हो पाते तो धोनी के बिना हमारे लिए तस्वीर बहुत अच्छी नजर नहीं आती।’