इन 6 तरीकों का इस्तेमाल करने से नहीं पड़ेगा महंगाई का असर

इन 6 तरीकों का इस्तेमाल करने से नहीं पड़ेगा महंगाई का असर

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आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप रिटायरमेंट के बाद भी सुखद जीवन व्यतीत कर सकेंगे। खुद के लिए रिटायरमेंट पूंजी तैयार करने के लिए नीचे लिखे टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं।
यदि आप कम अवधि की फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) पर अधिक ब्याज पाना चाहते हैं, तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले कंपनी डिपॉजिट में पैसा जमा करना आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। बैंक डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट से आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।

बता दें कि डिपॉजिट के जरिए पैसे जुटाकर कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाती हैं। कंपनियों के लिए ये एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होता है। यानी डिफॉल्ट की स्थिति में निवेशकों को कोई गारंटी नहीं मिलती हैं।

कंपनी डिपॉजिट में एफडी की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लेकिन ज्यादा ब्याज से ये ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हो जाता है। ये उन लोगों के लिए है जिन्हें नियमित आय चाहिए। बता दें कि एफडी और कंपनी डिपॉजिट दोनों ही 10 वर्षों तक के लिए कराई जा सकती है।

फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट पर आपको 50 से 100 बीपीएस (ब्याज दर का एक मापक) ज्यादा मिलता है। एनबीएफसी अपने कॉपोर्रेट डिपॉजिट पर 7.7 फीसद से आठ फीसदी तक ब्याज देता है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये दर 7.95 से 8.25 फीसदी के बीच है।

म्यूचुअल फंड
पीपीएफ और फिक्स डिपॉजिट और इनके फायदों के बारे में तो सबको पता है। मौजूदा समय में इनकी ब्याज दरें लगातार घटती जा रही हैं। ऐसे में हम आपको निवेश के एक और विकल्प के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड की। आज म्यूचुअल फंड्स ने ऐसे कई रास्ते खोले हैं जिससे हम वो हर सपने पूरा कर सकते हैं जिन्हें हमने हमेशा से ही पूरा करना चाहा था। इन्हीं रास्तों में से एक है एसआईपी।

अपने सपनों को पूरा करने का सबसे आसान तरीका है दीर्घकालीन और नियमित निवेश। म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान नियमित रूप से निवेश करने का एक सुलभ और भरोसेमंद तरीका है, जिसके तहत आप 500 रुपये प्रतिमाह से भी निवेश कर सकते हैं। मतलब अपने मासिक खर्च पर बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपने सपनों को पूरा कर सकते है। निवेश की राशि भले ही छोटी हो पर SIP लंबे समय में धीरे-धीरे धन संचयित करने की आसान व्यवस्था है।

म्यूचुअल फंड्स SIP निवेश से आप चक्रवृद्धिता का भी लाभ उठा सकते हैं, अर्थात पहले महीने का आपका मुनाफा आपके अगले महीने के मूलधन में जुड़ जाता है जिससे आपका निवेश बढ़ता जाता है और आपका फायदा भी। जितने ज्यादा समय तक आप SIP में निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा आपको मिल सकता है। इसलिए लंबे समय तक SIP के जरिये निवेश करने से आपको धन संचय करने में मदद मिलती है।

क्या है जीपीएफ ?
जीपीएफ के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं। यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी। जीपीएफ में सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें रिटायरमेंट के समय मिलता है।

ईटीएफ भी है लाभदायक
गोल्ड ईटीएफ परियोजनाओं की संपत्तियां चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में बढ़कर 5,079.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। 2012 में उच्चतम स्तर छूने के बाद लंबे समय से निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में निवेश से दूरी बनाई थी। हालांकि, सोने की कीमतें बढ़ने के साथ इस साल इसमें सुधार की प्रवृत्ति देखी जा रही है। ETF को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कहते हैं जो निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। लेकिन इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।

एफडी
यदि आप अपनी बचत पर अधिक ब्याज कमाना चाहते हैं, तो फिलहाल सावधि जमा (एफडी) योजनाओं में निवेश भी एक अच्छा विकल्प है। देश में बैंक मुख्य रूप से दो तरह के डिपॉजिट खाते ऑफर करते हैं। करंट या सेविंग खाता डिमांड डिपॉजिट्स कहलाते हैं जबकि फिक्स्ड या रेकरिंग डिपॉजिट्स को टर्म डिपॉजिट्स कहा जाता है। सेविंग अकाउंट बार-बार की जरूरतों के लिए खुलवाया जाता है तो फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी के तहत जमा धन को एक निश्चित समय तक छोड़ना पड़ता है। इस अवधि में बैंक जमा रकम पर ब्याज देता है।

फिक्स डिपॉजिट करवाने के फायदे
किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफडी कराने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें किसी तरह का रिस्क नहीं रहता। एफडी में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर भी सामान्य से ज्यादा होती है।

आरडी में निवेश कर आपको साधारण बचत खातों से ज्यादा ब्याज मिल सकता है। बचत खातों में आमतौर पर 3.5 से चार फीसदी रिटर्न मिलता है। वहीं आरडी में आपको सात से आठ फीसदी सालाना रिटर्न मिल सकता है। खास बाद यह है कि आरडी के जरिए आपका पैसा सुरक्षित रहता है।