इमरान खान ने सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के मौके पर कहा कि लोगों को जबरदस्ती इस्लाम मे दाखिल करना इस्लाम, कुरान और सुन्नत के खिलाफ है। इमरान ने कहा कि इस्लाम में कानून से ऊपर कोई नहीं है। जब कानून का प्रभाव नहीं होता तो कमजोरों के लिए एक कानून और ताकतवरों के लिए दूसरा कानून होता है।
इमरान ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि सब जानते हैं कि पाकिस्तान में इस्लाम के नाम पर कौन लोग अपनी सियासी दुकानें खोले हुए हैं। इमरान ने कहा कि हम मदीना के मॉडल के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण किए जाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, जहां सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के अधिकार और सुविधाएं दी जाएंगी।
पाक पीएम ने आगे कहा कि सरकार गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर पर सिखों को हर तरह की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इमरान खान ने जोर देकर कहा कि दूसरों को जबरन धर्मांतरित करने का कोई उदाहरण इस्लामिक इतिहास में नहीं मिलता।