पत्नी चाहती है ऑस्ट्रेलियाई कानून के ​तहत तलाक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति की याचिका की रद्द, जानिए पूरा मामला

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(www.arya-tv.com) पति-पत्नी के तलाक से संबंधित खबरें आए दिन आती रहती हैं लेकिन इस बार मुंबई से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले पति-पत्नी एक दूसरे से तलाक चाहते हैं। अड़चन अब यह है कि पत्नी ऑस्ट्रेलियाई कानून प्रक्रिया के तहत तलाक चाहती है लेकिन पति को इसपर एतराज है और इसपर रोक लगाने के लिए उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका डाल दी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।

जानिए क्या है मामला
नवंबर 2004 में मुंबई में शादी करने वाला यह जोड़ा अलग होने से पहले 2015 में ऑस्ट्रेलिया चला गया। सितंबर 2019 में महिला ने पुरुष को संपत्ति विभाजन के लिए नोटिस भेजकर अपनी संपत्ति में 50 फीसदी हिस्सा मांगा। दो महीने बाद, उसने ऑस्ट्रेलिया में एक संघीय सर्किट अदालत में इस संबंध में एक मुकदमा दायर किया।  

पति-पत्नी ने अपने बेटे के लिए एक पालन-पोषण योजना पर सहमति व्यक्त की और इसके बाद पति ने मुंबई की एक पारिवारिक अदालत में तलाक की याचिका दायर की। वहीं अब महिला भी ऑस्ट्रेलियाई कानून प्रक्रिया के तहत तलाक चाहती है लेकिन पति को इसपर एतराज है और इसपर रोक लगाने के लिए उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका डाल दी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।

पति के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दिया ये तर्क
गौरतलब है कि अप्रैल में, फैमिली कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी जिसके बाद पति ने बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन यहां भी उसे असफलता हाथ लगी। महिला के पति के वकील ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि चूंकि पक्ष भारत में अधिवासित हैं और मुंबई में शादी हुई है, इसलिए केवल भारतीय शहर की अदालतों के पास अपने वैवाहिक विवाद को सुलझाने का अधिकार क्षेत्र है।

उन्होंने तर्क दिया कि परिवार ऑस्ट्रेलिया में स्थानांतरित हो गया, लेकिन उस व्यक्ति का इरादा कभी भी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता हासिल करने का नहीं था। वकील ने कहा कि उस व्यक्ति ने कभी भी खुद को ऑस्ट्रेलियाई अदालतों के अधिकार क्षेत्र में प्रस्तुत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उस देश की अदालतों को विवाद का फैसला करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।