क्यों आवश्यक है सड़क हादसे में घायलों के लिए ट्रामा सेंटर

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(www.arya-tv.com) नेशनल हाईवे पर सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायलों की अब जान बचाई जा सकेगी। घायलों को अविलंब चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार 35 नए ट्रॉमा सेंटर बनाने जा रही है। इस पर लगभग साढ़े 500 करोड़ रुपए खर्च किए जांएगे।

क्या है ट्रामा सेंटर

राज्य ब्यूरो, देहरादून ,Road Safety With Jagran सड़क दुर्घटनाओं को पूरी तरह रोकना भले ही मुश्किल हो, लेकिन बेहतर प्रबंधन से जान के जोखिम को न्यून तो किया जा सकता है। घायलों को तत्काल उपचार मिले तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। इसमें ट्रामा सेंटर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दृष्टिकोण से देखें तो उत्तराखंड में हालात बहुत बेहतर नहीं हैं।

जिन जिला व उप जिला चिकित्सालयों को ट्रामा सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया है, वे स्वयं विशेषज्ञ चिकित्सकों व उपकरणों के अभाव से जूझ रहे हैं। ऐसे में इनमें सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को कितना उपचार मिल पाएगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर होते हैं सर्वाधिक हादसे
प्रदेश में हर साल औसतन एक हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

इनमें सर्वाधिक हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर होते हैं। मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा पहाड़ में दुर्घटनाओं की संख्या कम है, लेकिन इनमें हताहत होने वालों की संख्या अधिक रहती है। इसके पीछे एक बड़ी वजह घायलों को समय पर समुचित उपचार न मिल पाना है। असल में विषम भूगोल वाले पर्वतीय क्षेत्रों में जिला और उप जिला अस्पताल अमूमन जिला व तहसील मुख्यालय में हैं।