14 जनवरी से कांग्रेस यात्रा का नाम न्याय यात्रा क्यो?

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  • विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत

(www.arya-tv.com) यह यात्रा अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रारंभ होने के पहले शुरू होगी । बात और मतलब साफ हैं । कांग्रेसी नेता 14 राज्यों से गुजरने वाली यात्रा में जुटेंगे । शायद 22 जनवरी के उद्घाटन से पहले यात्रा प्रारंभ करने का मकसद भी यही हो।

यात्रा उनकी मन्तव्य भी वे जानें । लेकिन यात्रा को न्याय यात्रा नाम देने का उद्देश्य क्या है समझ नहीं आया । किसे न्याय देंगे राहुल ? खुद को, कांग्रेस को , डॉट इंडिया को या फिर उनको, जो मंदिर निर्माण से आहत हैं ?

अब कांग्रेस को बताना चाहिए किन किन से साथ कब कब अन्याय हुआ है ?

कांग्रेस के ‌पास इस बात का कोइ जबाब नही है। जबाब देते बनेगा भी नही।अगर अन्याय हुआ है तो कांग्रेस संबधित पक्ष की तरफ से अदालत मे क्यो नहीं गयी। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट में संबधित पक्ष के साथ अन्याय हुआ जो उनका पक्ष लेकर कांग्रेस को न्याय यात्रा निकालनी पड रहा है?

लगता है केवल और केवल कट्टरपंथियों ‌को भारतीय न्याय व्यवस्था से शिकायत है कि राम मंदिर विवादित ढांचा केस मे हमारे साथ अन्याय हुआ है।कांग्रेस इस यात्रा से मुस्लिम तृष्टिकरण कि इंतेहा बताना चाहती है कि भारत के मुस्लिमों एक सिरे से कांग्रेस को वोट दो, अगर हम सत्ता मे आये तो राम मंदिर का अधूरा काम अधुरा ही रहेगा ,

और हम ऐसी व्यवस्था कर देगे कि राम मंदिर का ‌निमार्ण कार्य ही रुक जाये। एक दुर्घटना वहा पर करवाकर या इस कारण से काम बंद कर देंगे। सोचना यह है काम कर रहे सौ दौ सौ पांच सौ हजार मजदूर मारे जाये तो कोइ चिन्ता नही।

आखिर जब विभाजन में 20 लाख, काश्मीर मे 40,000 हिंदु, पंजाब मे 60,000 हिंदु सिख दंगो मे 12,000 सिख मरवा दिये तो 100-200-500 क्या लगते हैं। बस वोट के माध्यम से सत्ता मिले।

फिर दुर्घटना के केस राम मंदिर न्यास को पुलिस और कोर्ट के ‌दस बीस पचास साल चक्कर कटवा सकते है क्योकि कपिल सिब्बल जैसे वकील तो कांग्रेस पास सैकड़ों है।

इसलिये लगता है कांग्रेस कि इस यात्रा का ‌ गुप्त उद्देश्य समझ कर
सभी सनातनी भाईयो से अपील करना चाहुंगा सतर्क रहें। सावधान रहें।