एमपी में चाहे जो भी जीते चुनाव, राज्य पर पड़ेगा 50,000 करोड़ रुपये के ‘चुनावी वादों’ का बोझ

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(www.arya-tv.com) चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में पिछले हफ्ते कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक रैली को संबोधित किया. प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक करोड़ स्कूली बच्चों के लिए मासिक सहायता की घोषणा की. इस तरह उन्होंने राज्य के संभावित वार्षिक मुफ्त बिल में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा कर दिया. जिससे कांग्रेस के विभिन्न  चुनावी वादों का मूल्य 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया. 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश में जो भी जीतेगा, राज्य पर चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने पर कांग्रेस ने 100 यूनिट तक मुफ्त और 100 यूनिट तक आधी कीमत पर बिजली देने, राज्य की सभी महिलाओं के लिए 1,500 रुपये मासिक भत्ता, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की वापसी और सस्ता गैस सिलेंडर देने का वादा किया है. सिर्फ 500 रुपये में सिलेंडर देने और अकेले महिला भत्ते पर सालाना 24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह सब और नवीनतम स्कूली बच्चों के लिए भत्ते का वादा कांग्रेस के चुनावी वादों के बिल को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक तक बढ़ा देगा.

बीजेपी बरकरार रही तो भी हालात ऐसे ही होंगे
अगर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में बरकरार रखती है तो भी हालात कोई अलग नहीं होंगे. अन्य चुनावी राज्यों के विपरीत, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने मध्य प्रदेश में भी मुफ्त सुविधाएं शुरू की हैं, जिनकी मात्रा 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. सबसे बड़ी योजना सीएम लाडली बहना योजना है, जिसमें अब तक 1.32 करोड़ महिलाओं को 1,250 रुपये प्रति माह के हिसाब से 1,650 करोड़ रुपये प्रति माह यानी लगभग 20,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का भुगतान किया जाता है. सीएम चौहान ने इस राशि को 3,000 रुपये प्रति माह तक ले जाने का वादा किया है. जिसका मतलब है कि अकेले इस योजना पर अंततः 47,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च हो सकता है.