ज्ञानवापी सर्वे के फैसले पर क्या बोले मुस्लिम नेता

Varanasi Zone

(www.arya-tv.com)  ज्ञानवापी परिसर में ASI के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष गदगद हैं तो वहीं मुस्लिम पक्षों में मायूसी छाई हुई है। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वह सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा और हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा। कोर्ट के इस फैसले पर लोगों को अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं।ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि कोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम नेताओं का क्या कहना है और वो कोर्ट के इस फैसले को वह किस तरह से देखते हैं?

1947 के बाद जो जैसा है वैसा रहे- इमरान प्रतापगढ़ी

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि पूजा अधिनियम है कि 1947 के बाद जो जैसा है वैसा रहे, लेकिन राजनैतिक प्रोपोगंडा किया जा रहा है। अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहना, लेकिन सवाल उस एजेंडे का है, जिन लोगों ने ये सब शुरू किया।

हम अदालत के आदेशों का पालन करेंगे- एसटी हसन

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि हम अदालत के आदेशों का पालन करेंगे। आज हमारे देश को साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है। ऐसा कोई बयान नहीं दिया जाना चाहिए जो देश में लोगों के बीच मतभेद पैदा करे उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान उस स्मारक को कोई नुकसान न पहुंचे। हम कोर्ट के सभी आदेशों को मानेंगे।

मुस्लिम पक्ष आदेश को SC में देगा चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले पर AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो। मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा।

मंदिर हो या मस्जिद, सबका भगवान एक- फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मंदिर हो या मस्जिद हो, सबका वो (भगवान) सबका एक ही है। उसे आप मंदिर में देखिए या मस्जिद में आप उन्हें कभी भी देख सकते हैं।

कोर्ट ने हमारी कई दलीलों को नहीं माना- मोहम्मद यासीन

ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के ज्वाइन सेक्रेटरी सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा है कि हमें डिटेल फैसले का इंतजार है। हम इस फैसले को जरूर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। हमारे वकील तैयारी कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल होने तक सर्वे शुरू नहीं किया जाएगां फिलहाल हमें डिटेल फैसले का इंतजार है। कोर्ट ने हमारी कई दलीलों को नहीं माना है।