हम हर खतरे से निपटने को तैयार… इजरायल-अमेरिका के हमले का डर, ईरान ने सीमा पर तैनात की मिसाइलें और ड्रोन

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(www.arya-tv.com) ईरान ने अपनी उत्तरपूर्वी सीमा पर मिसाइल, ड्रोन और तोप इकाइयों को तैनात किया है। ईरान की ग्राउंड फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल कीमर्स हैदरी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि किसी भी संभावित खतरे का तेजी से और समय पर जवाब देने के लिए ये तैनाती की गई है।

हैदरी ने कहा कि ईरान की सेना देश की स्वतंत्रता और अखंडता को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वह पूरी मजबूती से सीमाओं पर डटी हुई है। साथ ही ईरान की ग्राउंड फोर्स उन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक योजना डिजाइन और कार्यान्वित कर रही है, जहां उसे अधिक बलों की आवश्यकता है।

ब्रिगेडियर हैदरी कहा कि ग्राउंड फोर्स खतरों का कड़ा और निर्णायक जवाब देने के उद्देश्य से सीमाओं पर मिसाइलों, ड्रोन और युद्धाभ्यास बलों के संदर्भ में योजना का मूल्यांकन कर रही है। सीमाओं पर नई तैनाती के बीच ईरान की वायु सेना के डिप्टी कमांडर का भी बयान आया है।

जनरल महदी हादियान ने कहा कि बल के पास उच्च स्तर की रक्षात्मक क्षमताएं हैं और वह किसी भी पैमाने पर किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि ईरान की शानदार सैन्य तैयारियों की वजह से देश के दुश्मनों के बीच निराशा पैदा हुई है।

‘दुश्मन हमें नुकसान पहुंचाने के लिए अरबों खर्च कर रहे’

ईरानी की वायु सेना के डिप्टी कमांडर ने बिना नाम लिए अमेरिका और इजरायल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दुश्मन हमारे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए हाइब्रिड और कॉग्निटिव युद्ध के क्षेत्र में अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं,

लेकिन अयातुल्ला खुमैनी के मार्गदर्शन और ईरानी सेना की बहादुरी की वजह से उनकी सभी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। ईरान की हाल के दिनों में इजरायल और अमेरिका से तनातनी बढ़ी है।

उसे अमेरिका की ओर से हमले का भी अंदेशा है। जिसके चलते वह सीमाओं पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है। ईरान की ओर से बीते कुछ दिनों में लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने का प्रयास हो रहा है।

हाल के महीनों में ईरान ने कई मिसाइल और ड्रोन भी तैयार किए हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खुमैनी खुद इसमें काफी दिलचस्पी लेते दिख रहे हैं। खुमैनी ने बार-बार ईरान की रक्षा क्षमताओं को बनाए रखने और बढ़ावा देने की बात कही है।

खुमैनी ने कुछ समय पहले ईरानी सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडरों और अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की थी। खुमैनी का कहना है कि ईरानी सैन्य विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने स्वदेशी उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की है। जिससे देश के सशस्त्र बल आत्मनिर्भर हो गए हैं।