(www.arya-tv.com) महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने कहा कि मेरे परिवार को ओबीसी आरक्षण की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यह आर्थिक रूप से पिछड़े ओबीसी समुदाय को आरक्षण दिलाने की लड़ाई है।
भुजबल ने यह बात भिवंडी में आयोजित ओबीसी संकल्प सभा में कही। भुजबल ने कहा कि सरकार जरांगे पाटील को अधिक महत्व देने लगी है। इसे बंद करना चाहिए।
इस सरकार के मंत्री जरांगे से वैसे ही मिलने जा रहे हैं, जैसे ब्रिटिश सरकार के अधिकारी भूख हड़ताल पर बैठे महात्मा गांधी से मिलने जाते थे।
छगन भुजबल ने समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि मराठा समाज को आरक्षण देने के खिलाफ कोई नहीं है, लेकिन मराठा समाज को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए।
भुजबल ने कहा कि उनका विरोध भीड़तंत्र, आगजनी करने वालों और विधायकों के घर जलाने वालों से है। बालासाहेब सराटे न्यायालय में ओबीसी आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं, तो कुछ लोगों ने ओबीसी में आरक्षण देने की मांग की है।
ओबीसी महामंडल को दी जाने वाली राशि को बढ़ाएं
उन्होंने कहा कि ओबीसी महामंडल के साथ जो अन्याय किया जा रहा है और मराठा समाज के लिए बने महामंडल को भारी धनराशि दी जा रही है, उसे समाप्त किया जाना चाहिए।
भुजबल ने ओबीसी महामंडल को दी जाने वाली राशि को बढ़ाने और उनके आरक्षण अनुशेष भर्ती को अन्य लोगों को न देने की मांग की।
कुनबी समाज ने विशेष समुदाय की सभा बताया
सम्मेलन को किसन कथोरे, प्रकाश शेंडगे और राजाराम सालवी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटील भी आने वाले थे, लेकिन वह आए नहीं।
पाटील के शामिल न होने से चर्चा हो रही है। कुनबी समाज ने भी इस कार्यक्रम को एक विशेष समुदाय की सभा बताया है। कुनबी समाज के अधिकांश लोग अनुपस्थित थे।
ये रहे मौजूद
सम्मेलन में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष यशवंत सोरे, दशरथ पाटील, पूर्व राज्य मंत्री महादेव जानकर, ओबीसी राष्ट्रीय महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे, ऑल इंडिया मुस्लिम ओबीसी के अध्यक्ष शब्बीर अंसारी, कुनबी सेना अध्यक्ष विश्वनाथ पाटील,
प्रमुख राजाराम सालवी, विधायक रईस शेख, महेश चौघुले, शांताराम मोरे, विश्वनाथ भोईर, पूर्व मंत्री जगन्नाथ पाटील, पूर्व सांसद सुरेश टावरे, दयानंद चोरघे, प्रकाश पाटील आदि उपस्थित थे।