- लखनऊ को वैश्विक नगर बनाने के लिए विकास कार्यों में तेजी लाए
- राजधानी में जलभराव व सीवर की समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए प्रोजेक्ट बनाकर कार्य कराए जाए
- शहर के खुले नालों को ढकने के लिए अतिशीघ्र कार्य किया जाए
- सभी कूड़ा स्थलों को खत्म कर बेंडिंग जोन बनाए जाए
- नगरीय योजनाओं के विकास कार्यों के लिए धनराशि की कमी नही
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक समस्याओं के समाधान के लिए व शहर को वैश्विक नगर बनाने के लिए कराए जा रहे विकास कार्यों में गति लाई जाए। नगर में कहीं पर भी जलभराव न हो, सीवर की समस्या न रहे, इसके स्थाई समाधान के लिए प्रोजेक्ट बनाकर कार्य किया जाए। सभी प्रमुख नालों को ढकने के लिए भी प्रोजेक्ट बनाया जाए। जल निकासी के लिए पूरे शहर का ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाए, जिससे कहीं पर भी जलभराव न हो, नगरीय योजनाओं के विकास कार्यों के लिए किसी भी प्रकार से धनराशि की कमी नहीं आने दी जाएगी।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने शनिवार को लखनऊ नगर निगम के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर के बेहतर व्यवस्थापन के लिए एलडीए, पीडब्ल्यूडी और रेलवे से समन्वय बनाकर कार्य कराया जाए। नागरिकों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी प्रयास किए जाए। जैसे कि फैजुल्लागंज के जलभराव के स्थाई समाधान के लिए 40 से 50 करोड़ रुपए की लागत से नाले का निर्माण कराया जा रहा।
नगर विकास मंत्री ने शहर के खुले नालों को ढकने के लिए भी अतिशीघ्र प्रोजेक्ट बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक नगर योजना और सीएम ग्रिड योजना अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों को मानक के अनुरूप पूर्ण गुणवत्तापूर्ण से कराया जाए, जिससे कहीं पर भी किसी को शिकायत का मौका न मिले। नगर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए, मैनपॉवर और मशीनों की कमी न हो। उन्होंने शहर के सभी कूड़ा स्थलों को साफ कर बेंडिंग जोन बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लालबाग और कैसरबाग की सड़कों में हो रहे अतिक्रमण को भी मुक्त कराने को कहा। उन्होंने कहा कि शहर में सुगम आवागमन के लिए सड़कों में कहीं पर भी आक्रमण नहीं होना चाहिए।
बैठक में महापौर लखनऊ सुषमा खर्कवाल, मुख्य अभियंता महेश वर्मा तथा लखनऊ नगर निगम के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।