टर्मिनल के स्टैण्ड बाबू का वेतन मजदूरों से भी कम

Lucknow

(ARYA NEWS)लखनऊ महानगर बस टर्मिनल के स्टैण्ड बाबू का वेतन मजदूरों से भी कम होने पर लगभग 100 बाबूओं ने इस व्यवस्था पर रोष व्याप्त किया गया। उनका कहना है लखनऊ में 40 बस टर्मिनल हैं जिसमें दो सिफ्टों में काम किया जाता है एक सिफ्ट सुबह 6 से 2 बजे तक चलती है और दूसरी सिफ्ट 2 से 10 शाम तक चलती है। पूरी 8 घण्टे की ड्यूटी में कुल मिलाकर 6 हजार रूपया ही दिया जाता है जो कि दैनिक मजदूरों की कमाई से भी कम है। इस 6 हजार के वेतन में घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। मासिक वेतन का यह हाल है कि पूरा महिना समाप्त हो जाने के बाद भी समय से भुगतान नहीं मिलता है। इस व्यवस्था पर कई बार उच्च अधिकारियों से बात की गयी पर अभी तक कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया है। इसमें सबसे चैकाने वाली बात यह है कि कुछ स्थानों पर जो कि डिपो में कार्य कर रहे हैं उनको परिवहन विभाग द्वारा 8 से 9 हजार भी दिया जा रहा है। इस बाबुओं का कहना है कि समान कार्य का समान वेतन मिलना चाहिए पर ऐसा नहीं किया जा रहा है जबकि इसकी तुलना में अगर देखा जाए तो जो भी महानगरीय सेवा की बसे हैं उनके द्वारा प्रतिदिन अच्छा किराया निकाल कर विभाग को दिया जा रहा है। पर वेतन के नाम पर बाबूओं को असमानता का सामना करना पड़ रहा है। कुछ बाबुओं का कहना है कि अगर जल्द ही इस व्यवस्था पर कुछ सोचा न गया तो इसके खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा।