BBAU में हुआ द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

Lucknow

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में 8 अप्रैल को विधि विभाग, विधि अध्ययन विद्यापीठ की ओर से “भारत में आपराधिक कानूनों में परिवर्तन: भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली का एक नया युग” विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। जिसमें देशभर के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में सेंटर फॉर रिसर्च इनर स्कीम्स एण्ड पॉलिसीज में स्टेट लीड ( उत्तर प्रदेश ) के तौर पर कार्यरत एवं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल, डॉ० राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ व धर्मशाला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो० बलराज चौहान उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त मंच पर स्टेट ट्रांसपोर्ट अपीलेट ट्रिब्यूनल लखनऊ के चेयरमैन  अरविंद कुमार मिश्रा, विधि अध्ययन विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष प्रो० प्रीति मिश्रा, विधि विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो० सुदर्शन वर्मा एवं उप- समन्वयक डॉ० मुजीबुर्रहमान मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मंच पर उपस्थित अतिथियों एवं शिक्षकों को स्मृतिचिन्ह एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो० प्रीति मिश्रा ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। इसके पश्चात प्रो० सुदर्शन वर्मा ने सभी को संगोष्ठी के उद्देश्य एवं रूपरेखा से संबंधित जानकारी दी।

मुख्य अतिथि प्रो० बलराज चौहान ने सभी को संबोधित करते हुए कहा , कि कानूनी व्यवस्थाओं में मौजूद कमियों एवं अस्पष्टताओं को दूर करने के लिए संहिताकरण अत्यंत आवश्यक है। पेशेवरों एवं आम जनता दोनों के लिए ही कानून एवं कानूनी प्रक्रियाओं की समझ होना अत्यंत आवश्यक है, जिससे समाज के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य स्थापित हो सके। विशिष्ट अतिथि  अरविंद कुमार मिश्रा ने चर्चा के दौरान कहा, कि कानून के संहिताकरण के पश्चात किसी भी तरह का कानून विभिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, जो कि एक स्वागत पूर्ण एवं सकारात्मक कदम है। दूसरी ओर कानून किसी भी देश में नैतिक मार्गदर्शक की तरह कार्य करते हैं।

कार्यक्रम समन्वयक प्रो० सुदर्शन वर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा, कि आपराधिक कानून जैसे जटिल कानूनी क्षेत्र में सुधार का उद्देश्य इन‌‌ कानूनों को सरल एवं आधुनिक बनाना है‌। जिससे व्यक्तियों एवं संगठनों आदि के बीच विवादों को आसानी से निपटाया जा सके।
प्रो० प्रीति मिश्रा ने भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में चर्चा की। साथ ही डॉ० मुजीबुर्रहमान ने कानून में परिवर्तन के दौरान होने वाली प्रक्रियाओं से सभी को अवगत कराया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ० अनीस अहमद द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ० राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के डॉ० अमनदीप और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि विभाग के डॉ० अजय कुमार सिंह एवं द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ० प्रेम कुमार गौतम एवं डॉ० शकुन्तला संगम की अध्यक्षता में प्रतिभागियों द्वारा पेपर एवं पोस्टर प्रस्तुतिकरण‌ किया गया। समस्त कार्यक्रम के दौरान डॉ० प्रदीप कुमार, डॉ० राशिदा अख्तर, डॉ० सुनील बाबू गोसीपटाला, विभिन्न शिक्षक, प्रतिभागी, शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।