वो दिन कब आएगा जब घर-घर दवाइयां ही नहीं, लखनऊ से गुलावटी कबाब भी गुरुग्राम में ड्रोन से भेजे जाएंगे?

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(www.Arya Tv .Com) साल 2021 में भारत सरकार ने कुछ नियमों के साथ प्राइवेट कंपनियों को ड्रोन से डिलीवरी करने की अनुमति दी थी. इस अनुमति के अनुसार एयर स्पेस को दो अलग-अलग जोन में बांटा गया. पहला जोन- जिसमें बिना परमिशन के ड्रोन बिल्कुल भी नहीं उड़ाया जा सकता और दूसरा जोन- जहां कोई भी व्यक्ति या प्राइवेट कंपनी आसानी से ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

इसके अलावा पिछले कुछ सालों में भारत में ड्रोन का उत्पादन भी काफी बढ़ गया है. 2018 में 50 से 60 स्टार्टअप्स के पास एक हजार ड्रोन का ऑर्डर था. अब 2024 तक भारत में 200 ऐसी कंपनियां हैं जो ड्रोन बनाती हैं. इनके पास लगभग 2500 ड्रोन के ऑर्डर हैं. मतलब कि भारत में ड्रोन के इस्तेमाल और उसकी मांग भी काफी बढ़ी है.

ऐसे में सवाल उठता है कि ड्रोन उड़ाने को लेकर नियम बनाए जाने के तीन साल बाद भी आज ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ रक्षा क्षेत्र तक ही क्यों सिमटा हुआ है.

डिलीवरी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल करना ही क्यों है?

टेनेसी यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि ड्रोन डिलीवरी न सिर्फ साधारण कुरियर सेवा से छह गुना सस्ती होगी. बल्कि वे पर्यावरण के अनुकूल भी है

ड्रोन इंडस्ट्री का तेजी से विकास

फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अनुसार भारत में 2025 तक ड्रोन का व्यापार 4.2 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और साल 2030 तक यह बढ़कर 23 अरब डॉलर तक हो जाएगा.

इतना ही नहीं स्वदेशी ड्रोन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने शोध और रक्षा उद्देश्यों के अलावा दूसरे देशों से किसी भी प्रकार के ड्रोन के आयात पर पाबंदी लगा दी है. ये तो हुई भारत की बात. हालांकि ड्रोन का इस्तेमाल अन्य देशों में भी लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल के पहले छमाही में दुनिया भर में आधा मिलियन कमर्शियल ड्रोन डिलीवरी हुईं हैं और ये एक रिकॉर्ड है.

ड्रोन से किन क्षेत्रों में मिल सकती है सहायता 

हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी ने रिसर्च पार्क में भारत का सबसे बड़ा रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन लॉन्च किया है. इस दौरान IIT गुवाहाटी के प्रोफेसर परमेश्वर के. अय्यर ने बताया, ‘ हमारा लक्ष्य आने वाले सालों में ड्रोन की मदद से बाकी उद्योगों, जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों की सहायता करना है.’

10 साल पहले हुई थी ड्रोन से डिलीवरी करने की बात 

दुनिया भर में ड्रोन से डिलीवरी करने की चर्चा आज से नहीं बल्कि पिछले 10 सालों से चल रही है. भारत की कुछ कंपनियां ड्रोन के जरिए सामान डिलीवर भी कर चुकी हैं. साल 2023 के सितंबर महीने में गुरुग्राम की कंपनी स्काई एयर ने ड्रोन की मदद से गुलाब जामुन और एक चश्मा डिलीवर किया था.

स्काई एयर की ऑफिशियल वेबसाइट इस बात का भी दावा करती है कि उनकी कंपनी अब तक 8 राज्यों में ड्रोन की मदद से 2,150 डिलीवरी कर चुकी है. वेबसाइट के अनुसार ये 11,500 किमी की दूरी तक की गई है और ड्रोन 7,500 किलो वजन तक का सामान पहुंचा चुका है.

2018 तक ड्रोन डिलिवरी आम हो जाने की कल्पना की गई थी 

साल 2013 में ई कॉमर्स कंपनी अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने उम्मीद जताई थी कि 2018 तक दुनिया भर में ड्रोन से सामानों की डिलीवरी करना आम हो जाएगा. लेकिन आज एक दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन ड्रोन युग की रफ्तार ज्यों की त्यों है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में दुनिया के सभी देशों को मिलाकर केवल 10 लाख पार्सल ही ड्रोन के जरिए डिलीवर किए गए.