(www.arya-tv.com) अमेरिका की सबसे बड़ी फार्मेसी चेन्स में से एक राइट एड कॉर्प (Rite Aid Corp) दिवालिया हो गई है। कंपनी ने कुछ दिन पहले ही अपनी 61वीं वर्षगांठ मनाई थी। अब कंपनी ने चैप्टर 11 बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। इससे उसके खिलाफ चल रहे मुकदमे बंद हो जाएंगे।
बैंकरप्सी रिस्ट्रक्चरिंग के तहत कंपनी अपने 2,000 स्टोर्स में से अधिकांश को बंद करने की तैयारी में है। कंपनी को पिछले पांच साल में दो अरब डॉलर से अधिक नुकसान हुआ है और उसके आधे स्टोर बंद हो चुके हैं। इस साल कंपनी के शेयरों में 80 परसेंट गिरावट आई है जबकि ऑल टाइम हाई से यह 99 परसेट गिर चुका है।
यह अमेरिका की इकॉनमी में तेजी से हो रहे बदलाव का भी संकेत है। राइट एड का कहना है कि उसके अपने कुछ लेंडर्स ने 3.45 अरब डॉलर का नया कर्ज देने का वादा किया है। इससे कंपनी को बैंकरप्सी प्रोसेस के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी सपोर्ट मिल जाएगा। जून तक कंपनी पर 8.60 अरब डॉलर का कर्ज था। इसमें से कुछ कर्ज का भुगतान 2025 तक किया जाना है।
कंपनी की कुल एसेट्स 7.65 अरब डॉलर का है। इस कंपनी ने जेफरी स्टीन को अपना नया सीईओ और चीफ स्ट्रक्चरिंग ऑफिसर बनाया है जो अंतरिम सीईओ एलिजाबेथ बर की जगह लेंगे। कंपनी का कहना है कि वह उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर रहे स्टोर्स को बंद करेगी। कंपनी के 17 राज्यों में 2,000 रिटेल स्टोर्स हैं।
कितनी कंपनियां हो चुकी हैं दिवालिया
अमेरिका में 2023 में कॉरपोरेट बैंकरप्सी का लेवल साल 2020 के महामारी के स्तर पर पहुंच गया है। इस साल अब तक 516 कंपनियां बैंकरप्सी के लिए आवेदन कर चुकी हैं। अगर यही रफ्तार रही तो यह आंकड़ा 2010 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है।
इसकी वजह यह है कि अमेरिकी की इकॉनमी में तेजी से बदलाव हो रहा है और कई कंपनियां दबाव से गुजर रही है। साल 2010 में 827 कंपनियों ने बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था। 2020 में 639 कंपनियों ने बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था जबकि 2021 में यह संख्या 406 और 2022 में 372 थी।