(www.arya-tv.com) सरकार ने क्रूड और रिफाइंड पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात पर लगने वाली बेस इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है। टैक्स में कटौती का पूरा लाभ कंज्यूमर को मिला तो इन तेलों के दाम में चार से पांच रुपए प्रति किलो तक की कमी आ सकती है।
बेस इंपोर्ट टैक्स में कटौती का कदम रसोई में इस्तेमाल होनेवाले तेलों की कीमत त्योहारी सीजन से पहले नीचे लाने के मकसद से उठाया गया है। शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने इस बात की संभावना जताई थी। उन्होंने कल रसोई तेलों की जमाखोरी पर रोक लगाने को लेकर राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
कंज्यूमर को पूरा फायदा मिला तो रिटेल प्राइस पांच रुपए प्रति किलो घटेगा
सरकार ने रसोई तेलों के आयात पर जो बेस टैक्स घटाया है, उसका पूरा फायदा कंज्यूमर तक पहुंचता है तो उनकी कीमत में चार से पांच रुपए प्रति किलो तक की कमी आ सकती है। यह बात एडिबल ऑयल इंडस्ट्री बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ बी वी मेहता ने बताई है। वैसे टैक्स रेट में कटौती का कुछ हिस्सा व्यापारी अपने पास रखते हैं तो कम-से-कम 2 से 3 रुपए प्रति किलो की कमी का लाभ कंज्यूमर को मिल सकता है।
मेहता के मुताबिक, मौजूदा टैरिफ और फॉरेन करेंसी के एक्सचेंज रेट के हिसाब से क्रूड सोया ऑयल के दाम में 67.54 डॉलर (4991.20 रुपए) प्रति टन की कमी आ सकती है। इसी तरह, क्रूड पाम ऑयल का दाम 56.59 डॉलर यानी 4182.18 रुपए प्रति टन घट सकता है। रिफाइंड पाम ऑयल 58.52 डॉलर यानी 4334.62 रुपए प्रति टन सस्ता हो सकता है।
क्रूड पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर 2.5% बेस इंपोर्ट टैक्स
क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोया ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल, तीनों पर लगने वाले बेस इंपोर्ट टैक्स को घटाकर 2.5% कर दिया गया है। पहले क्रूड पाम ऑयल पर 10% जबकि क्रूड सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर 7.5% का बेस आयात शुल्क लगता था। रसोई तेलों के आयात शुल्क घटाने से जुड़ा नोटिफिकेशन शुक्रवार को देर शाम जारी किया गया था। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब रिफाइंड ग्रेड के पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर लगने वाली बेस इंपोर्ट ड्यूटी 37.5% से घटकर 32.5% रह गई है।
क्रूड पाम ऑयल, सोयाऑयल और सनफ्लावर ऑयल के इंपोर्ट पर कुल 24.75% का टैक्स
रसोई तेलों के आयात शुल्क में कटौती के बाद क्रूड पाम ऑयल, सोयाऑयल और सनफ्लावर ऑयल के इंपोर्ट पर कुल 24.75% का टैक्स लगेगा। इसमें ढाई पर्सेंट की बेस इंपोर्ट ड्यूटी और दूसरे टैक्स शामिल होंगे। इसी तरह रिफाइंड पाम ऑयल, सोयाऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात पर कुल 35.75% का टैक्स लगेगा। रसोई तेलों के आयात पर टैक्स घटाए जाने से दाम में कमी आ सकती है और खपत को बढ़ावा मिल सकता है।
भारत रसोई तेलों का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक, रिकॉर्ड हाई लेवल के पास चल रहीं कीमतें
भारत रसोई तेलों का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक है और यहां उनकी कीमत रिकॉर्ड हाई लेवल के पास चल रही है। देश में रसोई तेलों की दो तिहाई जरूरत आयात से पूरी की जाती है। पिछले कुछ महीनों में यहां इन तेलों की कीमतों में तेज उछाल आया है। पाम ऑयल खासतौर पर इंडोनेशिया और मलेशिया से मंगाया जाता है। सोया और सनफ्लावर ऑयल अर्जेंटीना, ब्राजील, उक्रेन और रूस से आता है।
तेलों की जमाखोरी पर रोक के लिए राज्यों के अधिकारियों के साथ केंद्रीय खाद्य सचिव की बैठक
शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने रसोई तेलों की जमाखोरी पर रोक लगाने को लेकर राज्यों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। केंद्र सरकार ने तेलों की उपलब्धता और उसके दाम में पारदर्शिता लाने के लिए राज्यों से मिलों और स्टॉकिस्टों से तिलहन और तेलों के स्टॉक का डिस्क्लोजर लेने को कहा है।
स्टॉकिस्टों और मिलों को अपने पास मौजूद तेल और तिलहन का डेटा एक पोर्टल पर अपडेट करना होगा और अपने परिसर में उनके दाम की तख्ती लगानी होगी।