जो चाहोगे वो मिलेगा: सफलता का मूल मंत्र : दीपक महाराज

Lucknow
  • जो चाहोगे वो मिलेगा: सफलता का मूल मंत्र

हर व्यक्ति इस बात को लेकर जिज्ञासु रहता है जैसे कि वह जो कार्य कर रहा है उसमें उसे सफलता प्राप्त होगी या नहीं?  हमारे जीवन में  सकारात्मक और नकारात्मक विचार क्या प्रभाव डालते हैं? या किसी कार्य को करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा कितनी आवश्यक है? और भी न जाने कितने ही सवाल हमारे मन में गोते लगाते रहते हैं। इन्हीं सवालों के जवाब की तलाश में हम मिले चित्रकूट और मध्य प्रदेश में वर्षों से अपनी साधना में लीन दीपक जी महाराज से। जो वर्षों से अपने विचारों से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इनके दर्शन मात्र से ही हमें ज्ञात हो जाता है कि मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य केवल सुख सुविधा मात्रा नहीं अपितु जन कल्याण की भावना रखना और उसके लिए कार्य करना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। महाराज जी से बातचीत के दौरान हमें जीवन की कई ऐसे रहस्यों के बारे में जानने का मौका मिला जिसे जानना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है ।

दीपक महाराज जी ने बताया कि किसी व्यक्ति के जीवन में उसके द्वारा किए जा रहे कार्यों में उसके सकारात्मक व नकारात्मक विचार सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी व्यक्ति के सकारात्मक व नकारात्मक विचार उसकी सफलता व असफलता का मुख्य कारण होते हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी कार्य को नकारात्मक विचारों के साथ करना प्रारंभ करता है तो उस कार्य में उस व्यक्ति की असफलता वही तय हो जाती है । उन्होंने कुछ सरल व आसान उदाहरण देकर यह स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी कार्य को सकारात्मक विचारों के साथ सकारात्मक ऊर्जा के साथ करना प्रारंभ करता है तो उसका सफल होना तय है। महाराज जी ने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए बताया कि वर्तमान समय में बहुत सारे विद्यार्थी किसी भी चीज की तैयारी करने से पहले ही यह सोचने लगते है कि ना जाने कितने ही लोग इस चीज की तैयारी कर रहे हैं और कितने ही लोग असफल हो जाते हैं और शायद यही नकारात्मक विचार ही उन्हें सफल नहीं होने देते। उन्होंने बताया कि अगर व्यक्ति को किसी क्षेत्र विशेष में सफल होना है तो सर्वप्रथम उन्हें उस परिपेक्ष्य में सकारात्मक विचार रखने होंगे और अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करना होगा । उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति की सफलता या असफलता के उसके अलग-अलग कारण होते हैं और वह कारण आपके लिए मायने नहीं रखते , इसलिए किसी दूसरे की सफलता या असफलता को देखकर अपने क्षमताओं का आकलन ना करें। महाराज जी ने बताया कि हमें किसी भी कार्य को करने के लिए उसे कल पर नहीं छोड़ना चाहिए है उसे आज से और अभी से अपने सकारात्मक ऊर्जा के साथ शुरू कर देना चाहिए।

इसी कड़ी में बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि सिर्फ हमारी सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा ही नहीं अपितु हमारे परिवार की ऊर्जा भी हमारे कार्यों की सफलता या असफलता में सहभागी होती है, इसलिए हमें अपने घर परिवार से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करनी होगी इसके लिए हम साधना भी कर सकते हैं, साधना से तात्पर्य घर में पूजा पाठ या मंत्र उच्चारण से है क्योंकि जब सकारात्मक ऊर्जा ज्यादा होगी तो नकारात्मक ऊर्जा अपने आप वहां से हट जाएगी। महाराज जी ने यह भी बताया कि हमारे आसपास के लोग जैसे दोस्त , रिश्तेदार, पड़ोसी जब भी आप कोई कार्य शुरू कर रहे हैं तो वह सदा आपको उसके नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताएंगे आपको यह एहसास कराएंगे कि आप उस कार्य को नहीं कर सकते , इसलिए आपको इन लोगों की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना है क्योंकि इससे आपके अंदर नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे जो आपके कार्य में अपना नकारात्मक प्रभाव डालेंगे।

दीपक महाराज जी ने हमें यह भी बताया कि किसी व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा सदैव उसे व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को दबाकर रखती है लेकिन कभी अगर ऐसा हो जाए कि आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा इतनी ज्यादा हो जाए कि वह आपकी सकारात्मक ऊर्जा पर हावी हो जाती है तो यह आपके लिए विनाशकारी सिद्ध होगा इसीलिए किसी भी कार्य या किसी भी क्षेत्र में आप कार्य कर रहे हो उसे क्षेत्र में सफल होने के लिए आप उन लोगों के विचारों पर ध्यान दीजिए जो उस क्षेत्र में सफल हो चुके हैं ना कि उन लोगों पर जो विभिन्न करणो से असफल रहे हैं। आपको यह भी ध्यान रखना है कि आपको किसी भी ऐसे कार्य को नहीं करना है जिसे करके कोई दूसरा व्यक्ति इस चीज में असफल हो चुका हो । इसीलिए अगर आपको अपने जीवन में अपने लक्ष्य को पाना है सफल होना है तो सदा अपने मन में सकारात्मक विचारों को स्थान दें और अपने आसपास सकारात्मक ऊर्जा रखें।