बरेली के काेविड हाॅस्पिटल से गायब हुआ साढ़े चार करोड़ की खरीद का रजिस्टर, जानिए क्या हुआ आगे

Bareilly Zone

बरेली (www.arya-tv.com) बेड अस्पताल में चिकित्सीय उपकरण खरीदने के नाम पर करोड़ों रुपये का घालमेल किया गया। पूरा मामला पकड़ा ना जाए इस डर से खरीद से संबंधित रजिस्टर ही गायब कर दिया गया। अभी बीते दिनों हुए आडिट के दौरान 300 बेड अस्पताल में खरीद संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो भी वह रजिस्टर नहीं दिया गया। इससे करोड़ों रुपये खर्च करने के मामले में भ्रष्टाचार होने का संदेह गहरा रहा है।

वित्त वर्ष 2015-16 में 300 बेड अस्पताल का भवन हैंडओवर नहीं हुआ था। इसके बावजूद वहां पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये से उपकरण खरीद लिए गए। जो भी खरीद होती है, उसको मेन स्टाक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। अब वह मेन स्टाक रजिस्टर नहीं मिल रहा है। बीते दिनों प्रयागराज से आई आडिट टीम ने 300 बेड अस्पताल में पिछले वर्षों में की गई खरीद का आडिट करने के लिए जानकारी मांगी थी।

इस पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने संबंधित रजिस्टर के बारे में स्टाफ से पूछा तब जानकारी हुई कि वह रजिस्टर तो उपलब्ध ही नहीं है। संबंधित फार्मासिस्ट से भी पूछा गया तो पता लगा कि उन्हें भी इस तरह का रजिस्टर नहीं दिया गया। इस वजह से आडिट टीम के सामने वह रजिस्टर नहीं ले जाया गया। अब तक रजिस्टर की खोज की जा रही है।

यह मामला जानकारी में आया है। इस बारे में सीएमओ को नोटिस जारी करके जानकारी की जाएगी। इसके साथ ही 19 फरवरी को होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश स्तरीय अधिकारियों के सामने यह मामला उठाया जाएगा। अगर खरीद की गई तो संबंधित मामले में जांच कराई जाएगी। डा. दीपक ओहरी, अपर मंडलीय निदेशक, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, बरेली

एक-दूसरे की हाजिरी लगाकर ड्यूटी से गायब रहते 300 बेड अस्पताल के चिकित्सक

300 बेड अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक एक-दूसरे की हाजिरी लगाकर ड्यूटी से गायब रहते हैं। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दो डाक्टर 300 बेड अस्पताल में कार्य करने के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक पर काम कर रहे हैं।

इससे वे अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं। उनकी हाजिरी दूसरे साथी लगा देते हैं। अगर मामले की जांच की जाए तो सारी पोल खुल जाएगी। इस बारे में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सतीश चंद्रा का कहना है कि मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच करने के बाद संबंधित डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए सीएमओ को पत्र लिया जाएगा।