संगठन अल-कायदा के लिए काम करने वाला कश्मीर,केरल और कर्नाटक के लोगों से इंटरनेट से करता था कॉलिंग

Bareilly Zone UP

बरेली।(www.arya-tv.com) संगठन अल-कायदा के लिए काम करने वाला इनामुल कश्मीर और केरल और कर्नाटक के लोगों के संपर्क में लगातार बना रहता था। उसकी बातचीत का कोई रिकॉर्ड न रहे इसलिए फोन कॉलिंग करने के बजाए वह इंटरनेट कॉलिंग करता था। कभी फेसबुक, कभी वाट्सएप के जरिए कश्मीर, केरल और कर्नाटक में बैठे लोगों से बात करता। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने 15 जून को उसे हिरासत में लिया था।

पूछताछ में उसके अलकायदा एजेंट होने की पुष्टि हुई, कई कागजात व मिले थे। जिसके बाद लखनऊ ले जाया गया। वहां मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे गुरुवार को जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को उसकी दस दिन की रिमांड मिल गई। लखनऊ एटीएस उससे पूछताछ की रही है। फोन नंबर से तलाशे जा रहे मददगार एटीएस को पता चला है कि वह कश्मीर के 15 और केरल के 10 और कर्नाटक के कुछ लोगों के लगातार संपर्क में बना हुआ था। वीडियो कॉलिंग के जरिये बातचीत करता था।

ये सभी 25 फोन नंबर एटीएस को मिल गए हैं।मालूम किया जा रहा है कि ये लोग कौन हैं और उसकी इन लोगों से क्या-क्या बात होती है। आरंभिक जांच में एटीएस मान रही है कि कश्मीर व केरल और कर्नाटक में बैठे लोगों से प्रेरित होकर ही वह अलकायदा के लिए काम कर रहा था। इंस्टाग्राम, फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप के जरिये वह अन्य लोगों के संपर्क में आता और उन्हें जेहाद के लिए उकसाता था। एटीएस की स्थानीय इकाई के इंस्पेक्टर मंजीत ¨सह ने बताया कि उसका नेटवर्क मुरादाबाद, बुलंदशहर में भी बढ़ रहा था। वहीं, उसके कटघर स्थित पुराने घर के आसपास शुक्रवार को भी पड़ोसियों में सरगर्मी रही।

मामा के सुपुर्द किया भाई इनामुल के भाई को भी कटघर स्थित घर से हिरासत में लिया गया था। एटीएस उसे भी लखनऊ ले गई। वहां पूछताछ के बाद उसे मामा शफीक के सुपुर्द कर दिया गया। हजियापुर में मामा के घर आता था उत्तराखंड से आने के बाद इनामुल हजियापुर में रहने वाले मामा शफीक के पास कुछ दिन गया। बाद में अपने घर में रहने लगा था। बरेली की खुफिया इकाई हुई फेल साबित पिछले कई सालों से इनामुल हक बरेली में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता रहा।लेकिन स्थानीय खुफिया ईकाई को इसकी भनक तक नही लगी। पहले भी चार आतंकी यहा से पकड़े गए लेकिन सभी को एटीएस ने ही पकड़ा।