मेरठ के तांत्रिक ने की केजरीवाल के सुरक्षाकर्मी की हत्या

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(www.arya-tv.com) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी गोपीचंद की हत्या का सनसनीखेज सच सामने आया है। गोपीचंद को यूपी के मेरठ के तांत्रिक ने पैसों के लालच में मार डाला था। गोपीचंद अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रच रहा था, इसके लिए उसने तांत्रिक को साढ़े चार लाख रुपए दिए थे। बाद में कॉन्स्टेबल गोपीचंद खुद तांत्रिक का शिकार बन गया। मेरठ पुलिस ने शुक्रवार रात आरोपी तांत्रिक गणेशानंद को गिरफ्तार कर लिया है। तांत्रिक मूल रूप से यूपी के फतेहपुर के हुसैनगंज में सिमौरा गांव का रहने वाला हैं। पुलिस की पूछताछ में तांत्रिक ने पूरा सच उगला है।

छुट्‌टी पर आने के बाद गायब था हेड कॉन्स्टेबल
मेरठ के सरधना के पोहल्ली गांव का रहने वाला गोपीचंद दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था। 26 मार्च से गोपीचंद लापता था। गोपीचंद छुट्‌टी पर मेरठ अपने घर आया था। 26 मार्च को उसने नौकरी से 8 अप्रैल तक की छुट्‌टी ली थी। 26 मार्च को गोपीचंद बैंक से लोन के 14 लाख रुपए लेने निकला, लेकिन घर नहीं लौटा। परिजनों ने खूब खोजा, मगर गोपीचंद नहीं मिला। इसके बाद गोपीचंद की पत्नी रेखा ने सरधना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तभी 12 अप्रैल को गोपीचंद की बाइक हस्तिनापुर के गांव सिरजेपुर के पास मिली थी।

पत्नी की हत्या कराने के लिए तांत्रिक को दिए थे साढ़े चार लाख
गोपीचंद एक साल से तांत्रिक गणेशानंद के संपर्क में था। वो अपनी पत्नी रेखा को मरवाना चाहता था। रेखा को मरवाने के लिए उसने तांत्रिक को साढ़े चार लाख रुपए दिए थे। जब गोपीचंद ने तांत्रिक से पूछा कि पत्नी क्यों नहीं मरी, तब तांत्रिक ने उसे 26 मार्च को रुपए लेकर हस्तिनापुर बुलाया। तांत्रिक को डर था कि सिपाही की बीवी को नहीं मरवा सका तो कहीं ये रुपए वापस न मांग ले। मुझे अरेस्ट न कर ले। इसलिए तांत्रिक ने साजिश रचकर गोपीचंद को 26 मार्च को हस्तिनापुर बुलाया। वहां बुलाकर तांत्रिक ने सिपाही की गला रेतकर हत्या कर दी। लाश को गंगा में फेंक दिया था।

भाई ने जताया था तंत्र-मंत्र का शक
एक महीने से पुलिस और गोपीचंद के परिजन उसकी तलाश में थे। लेकिन, सुराग नहीं मिल रहा था। बुधवार को गोपीचंद का भाई आदित्य मौर्य और सिपाही की पत्नी रेखा एसपी देहात कमलेश बहादुर से मिलने पहुंचे। उनसे कहा- अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। तभी आदित्य ने शक जताया कि भाई गोपीचंद हस्तिनापुर में किसी साधु से सिरजेपुर में मिलने अक्सर जाता था। 26 मार्च को भी सिपाही घर में कुल 15 मिनट रुका और बाबा के पास जाने की बात कहकर निकल पड़ा था। उसकी लास्ट लोकेशन भी मेरठ के लावड़ मिली थी। बाइक हस्तिनापुर जंगल में लावारिस मिली।

एक साल से तांत्रिक के संपर्क में था सिपाही
सिपाही के भाई की बात सुनने के बाद पुलिस हस्तिनापुर पहुंची। वहां गणेशानंद से संपर्क कर उससे पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर तांत्रिक ने पूरा सच उगल दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि ढाई साल पहले गोपीचंद अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए शुक्रताल में मिला था। इसके बाद गोपीचंद लगातार बाबा गणेशानंद से मिलता रहा। अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए दबाव बनाता रहा। इसके बदले में गोपीचंद ने बाबा गणेशानंद को एक साल के अंदर करीब ढाई लाख रुपए, जिसमें कुछ नगद और कुछ ऑनलाइन-पे के माध्यम से दिया था। 24 मार्च को गोपीचंद ने बाबा के खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।

तांत्रिक बोला- मैं रेखा को नहीं मार सकता था
तांत्रिक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे पता था कि कॉन्स्टेबल की बीवी को नहीं मार सकता। मुझे तो बस उससे रुपए ऐंठना था। मुझे डर था कि कहीं मेरी सारी करतूत कहीं सामने न आ जाए। ये सिपाही मुझसे अपना पैसा मांग लेगा और मुझे जेल में डाल देगा। इसी डर से मैंने इसकी हत्या का प्लान बनाया। अपने प्लान के अनुसार मैंने सिपाही को 26 मार्च को हस्तिनापुर अपने अड्‌डे पर बुलाया था।