(www.arya-tv.com) लखनऊ स्थानांतरित प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के वेतन भुगतान घूसखोर लेखाधिकारी मनोज कुमार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर कल 17 अक्टूबर, 2023 को अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार से सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में सायं 4:00 बजे निर्धारित मुलाकात, प्रमुख सचिव के उच्च स्तर पर व्यस्त होने के कारण रात 7:30 बजे हुई।
लखनऊ के माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरित लगभग 100 से अधिक प्रधानाचार्य /शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं का 3 माह से लंबित वेतन का भुगतान दशहरा से पूर्व सुनिश्चित किया जाएगा तथा लेखाधिकारी के विरुद्ध घूसखोरी की शिकायतों की जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक डा0 प्रदीप कुमार की समिति करेगी। यह आश्वासन प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ आर0पी0 मिश्र का पक्ष सुनने के बाद दिया।
इस अवसर पर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) महेंद्र देव, ए0डी0 माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ मंडल डा प्रदीप कुमार, संयुक्त शिक्षा निदेशक भगवती सिंह, उप-शिक्षा निदेशक पी०सी यादव ,जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) आर0एस0 बघेल एवं अन्य अधिकारियों के अलावा घूसखोर लेखाधिकारी मनोज कुमार तथा जिला संगठन की ओर से प्रादेशिक उपाध्यक्ष डा0 आर0पी0 मिश्र एवं प्रदेशीय मंत्री डा0 आर0के त्रिवेदी के साथ जिलाध्यक्ष अनिल शर्मा जिला मंत्री महेश चंद्र एवं कोषाध्यक्ष विश्वजीत सिंह उपस्थित थे।
प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ आर0पी0 मिश्र ने अपर मुख्य सचिव को बताया की अन्य जनपदों से लखनऊ में 100 से अधिक प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षकाओं का स्थानांतरण हुआ है। अगस्त में जब स्थानांतरित शिक्षकों के वेतन भुगतान की पत्रावलियां जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय आने लगी तब जानकारी हुई कि लेखाधिकारी मनोज कुमार एवं उनके दलालों द्वारा वेतन भुगतान के लिए रू0 40000/- से ₹50000/- की घूसखोरी की बात की जा रही है। इसलिए जिला संगठन की मांग पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने दिनांक 29 एवं 30 अगस्त को विशेष कैंप आयोजित किया। जिससे घूसखोरी पर अंकुश लग सके। माध्यमिक पटल द्वारा पत्रावलियां लेखाधिकारी को सौंपी गई। लेखाअधिकारी द्वारा घूसखोरी के लिए अधिकारविहीन एवं अवांछित आपत्तियां लगा दी गईं।
लेखाधिकारी द्वारा बार-बार आपत्ती लगाए जाने से नाराज जिला संगठन ने दिनांक 22 सितंबर को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर 1 घंटे का सांकेतिक धरना/प्रदर्शन किया। धरना/प्रदर्शन स्थल पर उपस्थित होकर संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक ने एक सप्ताह में वेतन भुगतान हेतु आवश्वत किया।
लेखाधिकारी की मांग पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने वेतन भुगतान की पत्रावलियों में लिखित अनुमति सहमत प्रदान की लेकिन लेखाधिकारी द्वारा घूसखोरी के लिए पुनः आपत्तियां लगा दी गई। और वेतन भुगतान नहीं किया गया दिनांक 05 अक्टूबर को जिला संगठन के पदाधिकारियों की जिला विद्यालय निरीक्षक और लेखाधिकारी से बात हुई। लेखाधिकारी ने छह वेतन बिलों पर हस्ताक्षर किए लेकिन बाद में 7 अक्टूबर को चीफ ट्रेजरी ऑफिसर को लिखित रूप में अवगत कराया कि उन्होंने वित्तीय सहमति नहीं प्रदान की है। लेखाधिकारी अवकाश पर चले गए।
जिला संगठन के पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशक से वार्ता की और लेखाधिकारी के अवकाश पर रहने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था की बात की। शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) महेंद्र देव ने शिक्षा विभाग के अन्य लेखाधिकारी को कार्यभार सौंपने के लिए आश्वासन दिया। जानकारी मिलने पर लेखाधिकारी मनोज कुमार ने पुनः कार्यभार ग्रहण कर लिया और उसके बाद भी वेतन भुगतान की कार्यवाही नहीं की क्योंकि घूसखोरी की धनराशि जो लगभग 40 – 50 लाख होती है उन्हें नहीं मिली।
प्रादेशिक उपाध्यक्ष डा0 आर0पी0 मिश्र ने ज्ञापन प्रेषित करते हुए अपर मुख्य सचिव को दशहरा से पूर्व स्थानांतरित शिक्षकों का वेतन भुगतान करने तथा घूसखोर लेखा अधिकारी के विरुद्ध शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच और कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया। अपर मुख्य सचिव ने दशहरा से पूर्व वेतन भुगतान सुनिश्चित किए जाने तथा लेखाधिकारी के विरुद्ध संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति से जांच कराने का आश्वासन दिया। जिला अध्यक्ष अनिल शर्मा एवं जिला मंत्री महेश चंद्र ने बताया कि दशहरा से पूर्व वेतन भुगतान नहीं किया गया तो जिला संगठन आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।
डा0 आर0पी0 मिश्र- प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता, डा0 आर0के0 त्रिवेदी- प्रदेशीय मंत्री, अनिल शर्मा- जिलाध्यक्ष, महेश चंद्र- जिलामंत्री, विश्वजीत सिंह- कोषाध्यक्ष, आलोक पाठक- आय-व्यय निरीक्षक, डा0 मीता श्रीवास्तव- सदस्य राज्य कार्यकारिणी।