टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी से सुष्मिता सेन को मिली डॉक्टरेट की उपाधि, जानें पिता ने स्टेज पर जाकर क्यों लिया सम्मान

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(www.arya-tv.com) सुष्मिता सेन को हाल ही में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके पिता शुबीर सेन ने कॉन्वोकेशन के दौरान स्टेज पर जाकर बेटी का सम्मान लिया। सुष्मिता ने हाल ही में एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों वह उस कॉन्वोकेशन का हिस्सा नहीं बन पाईं, जिस कारण उनके पिता ने जाकर उनका यह सम्मान लिया। एक्ट्रेस ने कॉन्वोकेशन से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए, अपनी खुशी जाहिर की है। एक्ट्रेस ने कहा कि यह हमेशा से उनके पिता का सपना था। उन्हें स्टेज पर सम्मान पाता देख सुष्मिता को बेहद खुशी हुई है। सोशल मीडिया पर एक्ट्रेस का वीडियो बेहद चर्चा में है।

दरअसल, सुष्मिता सेन को टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल की तरफ से डी.लिट (डॉक्टर ऑफ लेटर्स) की उपाधि से सम्मानित किया गया। पोस्ट में सुष्मिता ने लिखा- क्या सम्मान है! मुझे डी.लिट का सम्मान देने के लिए टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी और श्री नारायणमूर्ति जी का बहुत-बहुत शुक्रिया। मेरे पिता शुबीर सेन, जिन्होंने कोलकाता में मेरी तरफ से डॉक्टरेट की उपाधि ली, उन्होंने यूनिवर्सिटी के सभी फैकल्टी मेंबर्स की खूब तारीफ की। उन्होंने मुझे बताया कि कॉन्वोकेशन समारोह कितना शानदार था। मुझे यह सम्मान देने के लिए आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद।’

सुष्मिता ने अपनी आवाज में एक वीडियो क्लिप शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कॉन्वोकेशन में ना आ पाने का कारण बताया है। उन्होंने कहा- नमस्कार, आप सभी से माफी मांगना चाहूंगी, क्योंकि मैं इस कॉन्वोकेशन का हिस्सा नहीं बन सकी। वाकई, मैं आप सभी से सामने से मुलाकात करना चाहती थी। वायरल के चलते डॉक्टर ने मुझे रेस्ट करने की सलाह दी थी, जिस वजह से मैं सम्मान समारोह का हिस्सा नहीं बन पाई।

उन्होंने आगे कहा-कॉन्वोकेशन में पहुंचे चीफ गेस्ट श्री नारायणमूर्ति जी का बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं हमेशा से आपकी फैन रही हूं। मैं इस कॉन्वोकेशन में आपकी स्पीच सुनना चाहती थी। मैं आपसे मिलना चाहती थी। आपसे मिलना अभी भी मेरी विश लिस्ट का हिस्सा है।

सुष्मिता ने पोस्ट में बताया कि यह हमेशा उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक दिन यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट का सम्मान हासिल करे। उन्होंने कहा- ‘तब मेरी जिंदगी के अलग प्लान्स थे। 18 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स बनने का सपना लिए, मैं इंडिया से चली गई। मैंने बाबा से वादा किया था कि मैं उनका यह सपना जरूर पूरा करूंगीं। मैं डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करूंगी। आज अपने पिता को यह सम्मान लेता देख मेरी आंखों में आंसू आ गए। यह मेरी जिंदगी का सबसे खास वक्त था, जिसे मैं हमेशा याद करूंगी। आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया।