यूपी बोर्ड से छात्रों ने मांगा जवाब, आरटीआई को बनाया ​हथियार, जाने क्या है मामला

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कानपुर।(www.arya-tv.com) फरवरी-मार्च माह में यूपी बोर्ड ने परीक्षा लेकर छात्रों से सवाल दागे थे तो परिणाम आने के बाद अब छात्रों ने सवाल पूछते हुए बोर्ड से जवाब मांगा है। दरअसल, यूपी बोर्ड के दो प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्र-छात्राएं मूल्यांकन से खुश नहीं हैं।

इनमें वह छात्र भी शामिल हैं, जिन्होंने गणित जैसे कठिन विषय में 98 अंक प्राप्त किए हैं। उनका कहना है, कि 100 अंक मिलने चाहिए थे। नंबर बढऩे की उम्मीद में ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन व बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के 450 से अधिक छात्रों ने आरटीआइ को हथियार बनाया है।

छात्र-छात्राओं के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान कम समय में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ है। इस वजह से उन्हें न्याय नहीं मिल सका। अब आरटीआइ का सहारा है। पिछले वर्षों में आरटीआइ से नंबर बढ़ते रहे हैं। ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य रामिमलन सिंह ने बताया कि इस सत्र में यूपी बोर्ड के मूल्यांकन से छात्र मायूस और निराश हैं, इसलिए उन्होंने अब आरटीआइ लगाई है। हर साल छात्रों के 15-15 अंकों तक की वृद्धि होती रही है।

12वीं के 138 छात्र-छात्राओं ने हिंदी में आरटीआइ लगाई। इसमें 94 छात्रों को 75 अंक और 25 छात्रों को 67 अंक मिले थे।
10वीं के 105 छात्र-छात्राओं ने प्राविधिक कला में आरटीआइ लगाई। अधिकतर को 70 में 64 अंक मिले थे।
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में
10वीं में 125 छात्र-छात्राओं ने गणित व प्राविधिक कला में आरटीआइ लगाई, अधिकांश को 70 में 50 अंक मिले, गणित में 98 अंक मिले थे।
12वीं में 100 छात्र-छात्राओं ने अंग्रेजी विषय को चुना, ज्यादातर को 91-92 फीसद तक अंक मिले थे।