(www.arya-tv.com) चीन की जागीर बने श्रीलंका को अब भारत की अहमियत समझ आने लगी है। यही कारण है कि श्रीलंका की रानिल विक्रमसिंघे सरकार अब अपनी सुरक्षा नीति की समीक्षा करने जा रही है। इस बीच भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा है कि श्रीलंका की सुरक्षा भारत से जुड़ी हुई है और जब भी दोस्त की बात आती है तो उनका देश सबसे पहले भारत को ही चुनता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ रिश्ते की तुलना किसी और देश के साथ नहीं की जा सकती है। हाल में ही श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान भी दोनों देशों के रिश्तों में तेजी देखने को मिली है। संभावना जताई जा रही है कि श्रीलंका जल्द ही त्रिंकोमाली में भारत को तेल टैंक फर्म विकसित करने की अनुमति दे सकता है।
भारत-चीन के बीच जंग का मैदान बना रहेगा श्रीलंका
मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि श्रीलंका ने इस तथ्य के साथ जीना सीख लिया है कि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण वह हमेशा भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा के केंद्र में रहेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि श्रीलंका, भारत के साथ एक विशेष संबंध साझा करता है, जिसकी तुलना ऐतिहासिक, सभ्यतागत, अनुवांशिक और साथ ही भौगोलिक संबंधों के कारण किसी अन्य द्विपक्षीय संबंधों से नहीं की जा सकती है।
मोरागोडा ने कहा कि हम बातचीत कर रहे हैं, हम स्पष्ट रूप से भारत के साथ काम कर रहे हैं और हमने हमेशा कहा है कि जब सुरक्षा हितों की बात आती है, तो भारत की सुरक्षा और हमारी सुरक्षा एक समान है। उन्होंने यह भी कहा कि हम जहां स्थित हैं, उसके कारण यह तर्कसंगत भी है।
भारत के साथ लगातार बातचीत की जताई उम्मीद
श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने कहा कि इंडो-पैसिफिक संदर्भ में कई देश आते हैं और हमसे बात करते हैं। लेकिन, सुरक्षा के लिए आधार भारत है। यह स्वयं स्पष्ट है। लेकिन उस समझ को बनाए रखने के लिए, आपको (नेताओं के बीच) उच्च गुणवत्ता वाली बातचीत करनी होगी क्योंकि आज के दिन और युग में, हम आज जो बात कर रहे हैं वह कल अप्रासंगिक हो सकता है।
क्योंकि परिस्थितियां बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। मोरागोडा ने कहा कि इसलिए जब तक नेताओं के बीच बहुत स्पष्ट संवाद नहीं होगा, ये चीजें काम नहीं करेंगी और दोनों ही लोकतंत्र होने के नाते हम जटिल हैं, इसे भी हमें समझने की जरूरत है। सिर्फ एक व्यक्ति ही निर्णय नहीं लेता, एक-दूसरे को भी उसी तरह समझना होता है।
चीन को लेकर भारत-श्रीलंका संबंध तनावपूर्ण
इस महीने की शुरुआत में ही भारत ने श्रीलंका के सामने चीनी जहाज शि यान 6 की मौजूदगी को लेकर विरोध जताया था। शि यान 6 जल्द ही श्रीलंकाई जल क्षेत्र में प्रवेश करने वाला है। इस जहाज को इस साल अक्टूबर में कोलंबो और हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचने की संभावना है।
भारत ने अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी उपग्रह ट्रैकिंग जहाज युआन वांग-5 के पहुंचने पर भी आपत्ति जताई थी, लेकिन तब श्रीलंका ने भारत की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। श्रीलंका ने दावा किया था कि चीनी जहाज उसकी जल सीमा में किसी भी जासूसी गतिविधि को अंजाम नहीं देगा। इस मुद्दे को लेकर भारत और श्रीलंका के संबंधों में जबरदस्त खटास देखने को मिली थी।