मुख्यमंत्री पर नरम,ऊर्जा मंत्री की वायदाखिलाफी पर गरम नजर आये कर्मचारी संगठन

Lucknow
  • 2024 के लोकसभा चुनावों में भारी पड़ेगी एके शर्मा की जुमलेबाजी
  • बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न वापस लो,समझौता लागू करो के लगे नारे
  • 18 लाख राज्य कर्मचारी 28 को करेंगे आंदोलन

लखनऊ। प्रख्यात ट्रेड यूनियन नेता स्व.बीएम सिंह की प्रतिमास्थली के निकट उत्तर प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने प्रदेश सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ आवाज उठायी। विद्युकर्मियों के आंदोलन को नैतिक और व्यावहारिक समर्थन देने के लिये आयोजित इस एक दिवसीय प्रदर्शन के माध्यम से प्रमुख विभागों के कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगले वर्ष आने वाले लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल को अपनी सभी गलतबयानों और वायदाखिलाफी की हरकतों का हिसाब देना पड़ेगा। अधिकांश कर्मचारी संगठनों के भाषणों के दौरान यह बात बारबार सामने आयी कि उत्तर प्रदेश में अपनी कार्यशैली से साख बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सारी मेहनत पर, दिल्ली दरबार से भेजे गये एके शर्मा की जुमलेबाजी ऐन चुनावों से पहले पानी फेरने का काम कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रिय आईएएस अधिकारी रहे गुजरात कैडर के एके शर्मा ने बहैसियत ऊर्जा मंत्री अपनी अजीबोगरीब कार्यशैली और रंगढंग से तमाम कर्मचारी संगठनों को सरकार के विरूद्ध लामबंद होने के लिये एक मंच पर ला खड़ा किया है। उत्तर प्रदेश जल संस्थान के वरिष्ठ कर्मचारी नेता नेंबूलाल से लेकर उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता आरके निगम तक ने मंच से यही बात दोहरायी कि जब विभागीय मंत्री के पद पर बैठा एक नेता कर्मचारी संगठनों के साथ हुए लिखित समझौते को खुद ही मानने से इनकार करने लगे तो आनेवाले लोकसभा चुनावों में उस सरकार की विश्वसनीयता जनता की निगाह में क्या रहेगी? बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न समाप्त करने के लिए राज्य सरकार के विभागों, निगमों, स्थलीय निकाय एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के संयुक्त मंच पर हजारों की तादाद में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करके रैली निकाली। संयुक्त मंच ने रैली में एक प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार से मांग की है कि बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न,निलम्बन, निष्कासन और एफआईआर तत्काल वापस ली जाये और ऊर्जा मंत्री के साथ हुए 03 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये।

संयुक्त मंच ने 28 मार्च को सभी जनपदों में सरकारी विभागों, निगमों, स्थानीय, निकाय और विश्व विद्यालय के कर्मचारियों का दो घण्टे का धरना व विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संयुक्त मंच ने चेतावनी दी है कि अगर बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न समाप्त नहीं किया गया तो मंच और कठोर कार्रवाई  करने के लिए बाध्य होगा जिसमें प्रदेश के सभी 18 लाख कर्मचारी सम्मिलित होंगे। विरोध सभा में राज्य,निगम,निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच के संयोजक अमरनाथ यादव, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पाण्डेय, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एनडी द्विवेदी, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एसपी तिवारी, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्र, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्र, उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे, परिवहन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्र, राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिशरण मिश्र,उ प्र विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रिंकू राय, महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, पंचायती राज महासंघ के अध्यक्ष रामेन्द्र श्रीवास्तव,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस.के. रावत, हिन्द मजदूर सभा के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्र, एटक के महामंत्री चन्द्रशेखर, सीटू के महामंत्री प्रेम नाथ राय, इण्टक के दिलीप श्रीवास्तव, इन्सेफ के अध्यक्ष वीपी मिश्र, उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव, यूपी इंजीनियर्स एसोशियेशन के महासचिव आशीष यादव, रामसेवक शुक्ला, वाईएन उपाध्याय, उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह, उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामभजन मौर्य, पेंशनर्स एसोसियेशन के उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा, टीयूसीसी के उदयनाथ सिंह, प्राथमिक शिक्षक नेता रीना त्रिपाठी, चतुर्थ श्रेणी महासंघ के महामंत्री सुरेश सिंह यादव, जवाहर भवन इंदिरा भवन के महामंत्री राम कुमार धानुक, उपाध्यक्ष अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, यूपी एग्रीकल्चर मिनिस्ट्रीयिल एसोसियेशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, महामंत्री हेमन्त खड़का, संयुक्त मंत्री बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के रेनू शुक्ला, लेखपाल संघ के अध्यक्ष राममूर्ति यादव, फार्मेसिस्ट एसोसियेशन के सुनील यादव, संयुक्त परिषद के आरपी निगम, राज्य कर्मचारी महासंघ के सरंक्षक एसपी सिंह और अटेवा के नीरजपति त्रिपाठी मुख्यतया सम्मिलित हुए एवं सभा को सम्बोधित किया। सभा का सफल संचालन बीएल कुशवाहा ने किया।