बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न वापस लो – समझौता लागू करो : शशि कुमार मिश्रा

Lucknow
  • बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न वापस लो – समझौता लागू करो : राज्य/निगम/निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच, उप्र
  • बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में राज्य सरकार व निगमों के कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में किया विशाल विरोध प्रदर्शन
  • 28 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों में सरकारी विभागों एवं निगमों के कर्मचारी धरना देकर करेंगे विरोध प्रदर्शन 

(www.arya-tv.com)बिजली कर्मियों का उत्पीड़न समाप्त करने हेतु राज्य सरकार के विभागों, निगमों, स्थलीय निकाय एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के संयुक्त मंच के बैनर तले आज राजधानी लखनऊ में सरोजनी नायडू पार्क स्थित बी.एन. सिंह की प्रतिमा पर हजारों की तदाद में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन व रैली की।

संयुक्त मंच ने रैली में एक प्रस्ताव पारित कर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बिजली कर्मियों का उत्पीड़न यथा निलम्बन, निष्कासन और एफ.आई.आर. तत्काल वापस ली जाये और ऊर्जा मंत्री के साथ हुए 03 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। संयुक्त मंच ने 28 मार्च को सभी जनपदों में सरकारी विभागों, निगमों, स्थानीय, निकाय और विश्व विद्यालय के कर्मचारियों का 02 घण्टे का धरना व विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संयुक्त मंच ने चेतावनी दी है कि यदि बिजली कर्मियों का उत्पीड़न समाप्त नहीं किया गया तो मंच और कठोर कार्यवाही करने हेतु बाध्य होगा जिसमें प्रदेश के सभी 18 लाख कर्मचारी सम्मिलित होंगे।

 विरोध सभा में राज्य/निगम/निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच के संयोजक अमरनाथ यादव, जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पाण्डेय, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एन.डी. द्विवेदी, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस.पी. तिवारी, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्र, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्र, उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राम राज दुबे, परिवहन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्र, राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिशरण मिश्र, उप्र विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रिंकू राय, महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, पंचायती राज महासंघ के अध्यक्ष रामेन्द्र श्रीवास्तव, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस.के. रावत, हिन्द मजदूर सभा के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्र, एटक के महामंत्री चन्द्रशेखर, सीटू के महामंत्री प्रेम नाथ राय, इण्टक के दिलीप श्रीवास्तव, इन्सेफ के अध्यक्ष वी.पी. मिश्र, उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव, यू.पी. इंजीनियर्स एसोशियेशन के महासचिव आशीष यादव, रामसेवक शुक्ला, वाई.एन. उपाध्याय, उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जी.एन. सिंह, उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राम भजन मौर्य, पेंशनर्स एसोसियेशन के उपाध्यक्ष बी.एल. कुशवाहा, टीयूसीसी के उदय नाथ सिंह, प्राथमिक शिक्षक नेता रीना त्रिपाठी, चतुर्थ श्रेणी महासंघ के महामंत्री सुरेश सिंह यादव, जवाहर भवन इंदिरा भवन के महामंत्री राम कुमार धानुक, उपाध्यक्ष अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, यूपी एग्रीकल्चर मिनिस्ट्रीयिल एसोसियेशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, महामंत्री हेमन्त खड़का, संयुक्त मंत्री बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के रेनू शुक्ला, लेखपाल संघ के अध्यक्ष राममूर्ति यादव, फार्मेसिस्ट एसोसियेशन के सुनील यादव, संयुक्त परिषद के आर पी निगम, राज्य कर्मचारी महासंघ के सरंक्षक एस पी सिंह, और अटेवा के नीरजपति त्रिपाठी मुख्यतया सम्मिलित हुए एवं सभा को सम्बोधित किया। सभा का संचालन बी.एल. कुशवाहा ने किया।