(www.arya-tv.com) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या और यूपी में मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा, फिलहाल हम व्यक्तिगत मुद्दों पर गौर करने के बजाये इस पर ध्यान दे रहे हैं कि क्या इसमें कोई व्यवस्थागत दिक्कत है। साथ ही, इन पर सुनवाई 14 जुलाई तक टाल दी।
जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ के सामने आई इन दो याचिकाओं में से एक अतीक की बहन आयशा नूरी की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें दोनों भाइयों की हिरासत में हत्याओं की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित करने की मांग की गई है। वहीं, दूसरी जनहित याचिका राज्य में मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच के लिए वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल की गई थी।
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश की है। अदालत स्थिति रिपोर्ट पर गौर कर सकती है और मामले को सुनवाई के लिए तारीख तय कर सकती है। 30 जून को दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत की गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के बाद गठित न्यायिक आयोग को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और तीन महीने का समय दिया गया है।
प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल व उनके दो सरकारी गनरों की हत्या करने वाले चार शूटरों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग को राज्य सरकार ने दो माह का अतिरिक्त समय दिया है। दो सदस्यीय आयोग अपनी रिपोर्ट अगस्त माह के अंतिम हफ्ते में राज्य सरकार का सौंप सकता है। गृह विभाग ने हाल ही में इसका आदेश जारी किया है।
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनरों की माफिया अतीक अहमद के बेटे असद व शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां और बम बरसाकर हत्या कर दी थी। प्रयागराज पुलिस ने छह मार्च को वारदात में शामिल शूटर अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी के बड़ागांव क्षेत्र में अतीक के बेटे असद व शूटर मोहम्मद गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था।
जिला न्यायालय ने माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी है। आरोपी लवलेश तिवारी, शनि सिंह और अरुण मौर्य को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।