अजीत सिंह की हत्या में शामिल शूटर का गोपनीय रूप से इलाज करने वाले राजधानी के चिकित्सक की हुई पहचान

Lucknow

लखनऊ (www.arya-tv.com) मऊ के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या में शामिल शूटर का गोपनीय रूप से इलाज करने वाले राजधानी के चिकित्सक की पहचान हो गई है। चिकित्सक निखिल सिंह ने हमलावर का इलाज बाहुबली पूर्व सांसद के फ्लैट पर किया था। लखनऊ पुलिस ने डॉ. निखिल के खिलाफ आइपीसी की धारा में 176 में कार्यवाही की है। वहीं, पुलिस सुलतानपुर के डॉक्टर की तलाश कर रही है। धारा 176 में वैध जानकारी को सरकारी अधिकारियों से छिपाने के तहत कार्यवाही की जाती है। इसमें एक माह की सजा या पांच सौ तक के जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस का कहना है कि चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को भी पत्र लिखा जाएगा। उधर, दिल्ली में गिरफ्तार गिरधारी को ट्रांजिट रिमांड पर लेने की लखनऊ पुलिस तैयारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि सुल्तानपुर के डॉक्टर की तलाश की जा रही है। चिकित्सक के पकड़े जाने के बाद साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी। पुलिस का कहना है कि सब कुछ जानते हुए भी चिकित्सकों ने अपराधी का इलाज किया और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। दोनों का यह कृत्य नियम के खिलाफ है। इसकी शिकायत की जाएगी। नेशनल मेडिकल कमीशन से दोनों चिकित्सकों का लाइसेंस रद करने की मांग की जाएगी।

लखनऊ पुलिस दिल्ली में गिरफ्तार किए गए एक लाख के इनामी गिरधारी को ट्रांजिट रिमांड पर लाने की तैयारी कर रही है। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर गिरधारी के पकड़े जाने की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरधारी पर यूपी के अलग-अलग जिलों में कुल 19 मुकदमे दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। गिरधारी आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह का साथी है। अजीत बाहुबली विधायक मुख्तार का करीबी था। कुंटू और गिरधारी पर एक पूर्व सांसद का हाथ है। माना जा रहा है कि पूर्व सांसद ने ही गिरधारी को दिल्ली पहुंचाया था। यूपी में मुठभेड़ के डर से साजिश के तहत गिरधारी को दिल्ली में गिरफ्तार कराया गया। बताया जा रहा है कि अजीत सिंह पर हमले के दौरान जिस शूटर को गोली लगी थी, उसकी हालत बेहद खराब है। सूत्रों का कहना है कि घायल शूटर को कमर के पास गोली लगी थी, जिसका लखनऊ और सुलतानपुर में चिकित्सकों ने इलाज किया था। इंफेक्शन ज्यादा होने के कारण हमलावर की हालत गंभीर बताई जा रही है। मूलरूप से मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना निवासी अजीत सिंह की छह जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड में कठौता चौराहे के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजीत बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी थे। हत्यारों ने अजीत को 22 गोलियां मारी थीं। अजीत आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में गवाह थे। अजीत के साथी मोहर सिंह ने आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, गिरधारी और अखंड सिंह समेत अन्य के खिलाफ साजिश के तहत हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी।