गहलोत को मात देने के लिए क्या मोदी खेलेंगे मास्टर स्ट्रोक ? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चर्चाओं का बाजार गर्म

National

(www.arya-tv.com) राजस्थान को दो प्रदेशों में बांटा जा सकता है, यह सुनकर आप भी चौंक गए होंगे। यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड हो रही हैं। राजस्थान में दो स्टेट के रूप में टुकड़े किए जाने की सम्भावना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस आधार पर यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपना मास्टर स्ट्रोक खेल कर ‘मरुप्रदेश’ की घोषणा कर सकती है।

इस चर्चा को लेकर राजस्थान की सियासत में हलचल मची हुई है। इसको लेकर अब सभी की नजरें पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र पर टिक गई हैं। अगर राजस्थान में मरुप्रदेश के रूप में नए स्टेट का गठन होता है तो यह सियासत की समीकरणों को निश्चित रूप से प्रभावित करेगा।

विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार भी खेल सकती है मास्टर स्ट्रोक

बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने बजट सत्र में 19 नए जिलों का गठन कर सबको चौका दिया था। गहलोत के इस मास्टर स्ट्रोक को चुनाव के चलते मतदाताओं को लुभाने की एक बड़ी कोशिश मानी गई है। इसके जवाब में अब केंद्र की भाजपा सरकार भी गहलोत को मात देने का मन बना रही है। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी भी राजस्थान में मरुप्रदेश का गठन कर गहलोत के मास्टर स्ट्रोक का तोड़ निकाल सकती है।

लोकसभा के विशेष सत्र में हो सकता है बड़ा फैसला

सियासी गलियारों में इस बात की जमकर चर्चा हो रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाए गए लोकसभा के विशेष सत्र में कई हैरान करने वाले फैसले सामने आ सकते हैं। जिसमें राजस्थान में मरुप्रदेश के गठन का बड़ा फैसला भी हो सकता है। बता दे की राजस्थान में मरुप्रदेश के गठन को लेकर काफी समय से मांग उठाई जा रही हैं।

मरूप्रदेश बनेगा तो 20 जिले होंगे शामिल

राजस्थान में मरुप्रदेश के गठन को लेकर लंबे समय से मांग उठाई जा रही हैं। यदि केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर बड़ा फैसला लिया गया तो, राजस्थान दो प्रदेशों में बंट जाएगा। ऐसे में मरुप्रदेश बनने के बाद अगर इस क्षेत्र की बात की जाए तो, इस प्रदेश को 20 जिले को मिलकर गठन किया जा सकता है। इनमें श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, डीडवाना, कुचामन, नीमकाथाना, नागौर, फलोदी, जैसलमेर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, सांचौर और सिरोही जिले शामिल हो सकते है।

नए प्रदेश के गठन से विकास को मिलेगी गति

राजस्थान में मरु प्रदेश के गठन को लेकर सियासी गलियारों में यह तर्क है कि पश्चिमी राजस्थान का यह हिस्सा काफी पिछड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण यहां की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और संस्कृत स्थिति अलग है। इसके अलावा जलवायु, कृषि, उद्योग और जनसंख्या घनत्व के कारण भी इस क्षेत्र का विकास कम रहा है। लिहाजा यह तर्क दिया जा रहा है कि यदि मरूप्रदेश के रूप में नए स्टेट का गठन होता है तो, इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।

तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने भी उठाई थी मांग

राजस्थान में मरुप्रदेश बनाने की मांग आजादी के बाद से ही लगातार उठती रही है। इस दौरान उपराष्ट्रपति रहते हुए भैरूसिंह शेखावत ने भी पत्र लिखकर राजस्थान में मरुप्रदेश बनाने की मांग उठाई थी। इसी तरह वर्ष 2001 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन नए राज्य बनाने की बात कही थी।तब भी राजस्थान में मरुप्रदेश बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था।